Chhattisgarh Crime News: दुर्ग पुलिस ने सोमवार को एक ऐसे चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो साइकिल से घूम-घूम कर चोरी की घटना को अंजाम देते थे. इतना ही नहीं इन चोरों ने दुर्ग जिले में ही 41 चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हुए 70 लाख से अधिक सोने-चांदी और नगदी की चोरी को अंजाम दे चुके हैं. दुर्ग पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि दिसंबर माह में अवधपुरी रिसाली में रहने वाले गौतम भट्टाचार्य के घर में अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था. जिस पर पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई थी.


इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की श्याम नगर रिसाली गांव में कुछ संदिग्ध लोग एक किराए के मकान में रहते हैं, और वह अक्सर रात में एक साथ निकलते हुए अलग-अलग दिशाओं में चले जाते हैं. जिस पर दुर्ग पुलिस ने उन लोगों पर नजर रखना शुरू किया और जब पुलिस को तसल्ली हो गई कि यह संदिग्ध किसी आपराधिक काम से जुड़े हुए हैं तब पुलिस ने सिविल ड्रेस में योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर किराए के मकान में दबिश देकर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया, जिनमे आरोपी अनवर खान, सागर सेन, द्वारिका दास से कड़ाई से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने चोरी की वारदात को कबुल करते हुए बताया कि वे दुर्ग जिले में ही 41 चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं, साथ ही उन्होंने लगभग 70 लाख से अधिक की चोरी किए जाने की बात कबूली है. जिस पर पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 1 किलो 30 ग्राम सोना, 7 किलो चांदी और 1 लाख नगदी समेत कुल 77 लाख रुपये का मशरूका बरामद किया है.


चोरी का माल बिलासपुर के 3 जेव्लर्स को बेचते थे


पुलिसिया पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह चोरी किए गए सोने-चांदी के जेवरात को बिलासपुर के रहने वाले सर्राफा व्यापारी राजू सोनी, सोमचंद सोनी और जितेंद्र पवार के दुकान में बेचा करते थे. चोरों के बयान के बाद पुलिस ने बिलासपुर के सर्राफा व्यापारियों के यहां से चोरी का पूरा माल बरामद कर लिया है और सराफा व्यापारियों को चोरी का माल खरीदने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया है.


साईकिल से घूम-घूम कर 77 लाख की कर डाली चोरी 


यह चोर इतने शातिर हैं कि जब भी किसी चोरी की वारदात को अंजाम देने जाते थे तो वे साइकिल से ही जाते थे, और इतना ही नहीं वह अपना वेशभूषा इस तरह से बदल लेते थे कि पुलिस वालों और  लोगों को यह लगे की वह कहीं से मजदूरी करके वापस घर आ रहे हैं. चोर बड़ी आसानी से साइकिल पर एक झोले में चोरी का माल रखकर आराम से लोगों के नजरों के सामने से ही रफूचक्कर हो जाते थे.


कई दिनों से घर के बाहर पड़े अख़बार वाले घरों को बनाते थे निशाना


चोरी करने से पहले वह कई इलाकों में घूमते थे, और उन घरों को निशाना बनाते थे, जिन घरों के बाहर कई दिनों से अखबार पढ़े हुए रहते थे. इससे चोर यह समझ जाते थे कि इस घर में अभी कोई नहीं है और पिछले कई दिनों से खाली है. चोर इसी का फायदा उठाकर रात में चोरी की घटना को आसानी से अंजाम देकर फरार हो जाते थे, इतना ही नहीं चोर चोरी करने के बाद दुर्ग जिला से भागकर बिलासपुर चले जाते थे और जब मामला शांत हो जाता तब वापस आकर दुर्ग में फिर से चोरी करने लग जाते थे.


आरोपी सार्वजनिक स्थानों पर चावल व गेहूं शब्द का कोड वर्ड करते थे इस्तेमाल


चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सर्तकता बरतते हुए चोरी के सोने व चांदी के बारे में बातचीत के दौरान चावल (चांदी) व गेंहू (सोना) शब्द का उपयोग करते थे, ताकि आसपास मौजूद लोगों को इसकी जानकारी न मिले


मुख्य आरोपी व ज्वेलरी संचालक की रायपुर जेल में हुई थी दोस्ती


आरोपी अनवर खान वर्ष 1993 में राजनांदगांव में हत्या के आरोप में रायपुर जेल में सजा काट रहा था. उसी दौरान वर्ष 1996-97 में बिलासपुर सरकंडा निवासी सोमचन्द उर्फ गुड्डू सोनी बलात्कार के मामले रायपुर जेल में सजा काट रहा था. इस दौरान अनवर व सोमचन्द सोनी का मिलना जुलना होने लगा, तभी अनवर खान ने चोरी करने एंव चोरी के माल को खपाने के लिए सोमचन्द सोनी के साथ मिलकर योजना बनाई, जिसके बाद चोरी के माल को सोमचन्द सोनी के पास बेचता था, बाद में अनवर खान ने दो अन्य ज्वेलरी संचालक को बेचना शुरू कर दिया. जिसमें सोमचन्द का भाई राजू सोनी व जितेन्द्र पवार को भी बेचते थे. पुलिस ने ज्वेलरी संचालको के पास से 1.3 किलो सोना व 7 किलो चांदी बरामद किया है.


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