Durg: दुर्ग जिला प्रशासन की नई पहल, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे कर सकते हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
दुर्ग जिला प्रशासन ने नक्सली और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराएगा. इसमें हर 15 दिन में मॉक टेस्ट कराया जाएगा. इस मॉक टेस्ट का आयोजन IIT जोन संस्था द्वारा किया जाएगा.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर प्रयास कर रही है, जो बच्चे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं या फिर ग्रामीण अंचलों में रहते थे. उनके लिए सरकार द्वारा प्रयास आवासी विद्यालय बनाए गए हैं. जहां बच्चे रहते हैं और साथ ही वहां पढ़ाई भी करते हैं. उन बच्चों को और बेहतर दिशा मिल सके उसके लिए दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने एक नई पहल की है. उन बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए हर 15 दिन में मॉक टेस्ट कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है. जिससे बच्चे नीट, यूजी और आईआईटी जैसे प्रवेश परीक्षाओं में चयनित होने के लिए बेहतर दिशा निर्देश मिलेगा.
तैयारी में बच्चों को मिलेगा फायदा
छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ने आए बच्चों की पढ़ाई प्रयास आवासीय विद्यालय चल रहा है, लेकिन अब छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतियोगी छात्र-छात्राएं अधिकतम संख्या में नीट यूजी और आईआईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में चयनित हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है. दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मॉक टेस्ट आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं. यह मॉक टेस्ट हर 15 दिन में आयोजित किए जाएंगे. मॉक टेस्ट का आयोजन आईआईटी जोन संस्था द्वारा किया जाएगा.
15 दिन में बच्चों का होगा मॉक टेस्ट
दुर्ग नगर निगम आयुक्त लक्ष्मण तिवारी ने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालय से अधिकतम संख्या में विद्यार्थी प्रवेश परीक्षा में चयनित हो सके. इसके लिए कोचिंग के साथ ही मॉक टेस्ट की व्यवस्था भी की गई है. मॉक टेस्ट के माध्यम से प्रतियोगियों को परीक्षा में आने वाले प्रश्नों की प्रकृति के संबंध में अधिक जानकारी होती है और इससे उन्हें तैयारी करने के लिए विशेष दिशा प्राप्त हो जाती है. मॉक टेस्ट के माध्यम से वे अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं. हर 15 दिन में आयोजित होने वाले टेस्ट के माध्यम से प्रतियोगी छात्र-छात्राएं अपनी तैयारी की दिशा का आकलन कर सकते हैं और इससे वे रणनीति बेहतर कर सकते हैं.
इस पहल से बच्चों को मिलेगा फायदा
दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा किए गए इस पहल से निश्चित तौर पर उन बच्चों को लाभ मिलेगा जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने की वजह से इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां नहीं कर पाते थे. अब वह बच्चे प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़ने के साथ-साथ नीट, यूजी और आईआईटी जैसे प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे.
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