Durg News: छत्तीसगढ़ की सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं की वजह से सड़कों पर हो रहे दुर्घटनाओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों की बैठक लेकर इस पर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे. जिस पर दुर्ग डीएम ने आवारा पशुओं के सड़क पर घूमने और सड़क दुर्घटनाओं होने की आशंकाओं को देखते हुए अधिकारियों की आज अहम बैठक ली. डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पहले पशुपालकों को बुलाकर समझाया दिया जाए और अगर फिर भी वे बार-बार गलती करते हैं तो कड़ी कार्रवाई करने के साथ जुर्माना भी लगाया जाए.
पशुपालक सड़कों पर छोड़ रहे हैं अपने पशुओं को
दरअसल, दुर्ग डीएम पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज नगरीय निकायों की बैठक में जिले को कैटल फ्री बनाने की दिशा में विशेष कार्ययोजना पर चर्चा की. बैठक में शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं के खतरे को संज्ञान में लाया गया और पशुओं के नियंत्रण में आने वाली कठिनाईयों पर चर्चा किया गया. साथ ही कलेक्टर ने नगरीय गौठानों में पशु चिकित्सक दल की व्यवस्था संबंधी निर्देश दिए. डीएम ने कहा कि आवारा पशुओं को नियंत्रित करने निगम द्वारा लगातार गौठानों में शिफ्ट किया जा रहा है. पशु पालकों के बार-बार पशुओं के छोड़े जाने के कारण इस दिशा में शत प्रतिशत निराकरण नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पहल सिर्फ पशुओं को नियंत्रित करने के बारे में नहीं है, बल्कि नागरिकों के बीच जवाबदेही की भावना को बढ़ावा देने के बारे में है.
डीएम ने पशुपालकों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देश
डीएम ने सड़कों पर पशु छोड़ने पर पशु पालकों को पहले समझाने का सुझाव दिया और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने कहा है अगर कोई नागरिक बार-बार यह गलती दोहराता है तो जुर्माने के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश डीएम ने दिया हैं. इसके अंतर्गत एसडीएम अपने न्यायालय में इसकी सुनवाई करेंगे. ताकि उन्हें सीख मिले और समाज में जागरूकता बढ़े.
आवारा पशुओं पर टैगिंग करने के लिए डीएम ने दिए निर्देश
डीएम ने गौठानों में लाए गए पशुओं की पहचान करने के लिए सभी पशुओं की टैगिंग करने कहा. इससे पशुओं की शहर में आवाजाही का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी, साथ ही ऐसे पशुपालकों की पहचान भी की जा सकेगी जो बार-बार पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं. डीएम ने गौठानों में पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वहीं पर चिकित्सा उपलब्ध कराने कहा है. इस संबंध में उन्होंने उप संचालक वेटनेरी को गौठानों में चिकित्सा दल (डॉक्टर और सहायक) की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा. पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल के साथ यह दल पशुओं की टैगिंग प्रक्रिया भी करेगा.
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