Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कई गांव में बाढ़ आ गई है. बाढ़ आने का कारण शिवनाथ नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर है. जिसकी वजह से शिवनाथ नदी के किनारे बसे लगभग 30 से ज्यादा गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. हालात यह है कि दुर्ग शहर से राजनांदगांव और बालोद जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से पानी में डूब गया है. जिसकी वजह से बालोद और राजनांदगांव का रास्ता बंद कर दिया गया है. साथ ही एसडीआरएफ की टीम लगातार गांव में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रही है. 


जलाशयों का पानी हुआ ओवरफ्लो
दरअसल छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश की वजह से कई जलाशय पूरी तरह से भर चुके हैं. बालोद और राजनांदगांव में स्थित खरखारा जलाशय, तांदुला जलाशय, मोगरा जलाशय और सूखा नाला जलाशय में पानी क्षमता से ज्यादा भर गया है. जिसकी वजह से शिवनाथ नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. अब तक शिवनाथ नदी में इन जलाशयों से लगभग एक लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. जिसकी वजह से शिवनाथ नदी के आसपास बसे गांवों और दुर्ग शहर तक शिवनाथ नदी का पानी भर चुका है.


दुर्ग शहर से कई गांवों का टूटा संपर्क
नदी का पानी सड़कों तक पहुंच गया जहां दुर्ग से राजनांदगांव जाने वाले मार्ग में पानी भरने से आवाजाही बाधित हो गई है. दुर्ग शहर से बालोद जाने वाली सड़क में नदी का पानी भर गया है. लगातार जल स्तर बढ़ने की वजह से जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. लोगों को अलर्ट रहने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रशासन लगातार लोगों को बाढ़ जैसे इलाकों में जाने से रोक रहे हैं. और एसडीआरफ की टीम लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यु कर बाहर निकला रहे हैं.


तीस से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में
शिवनाथ नदी में केचमेंट एरिया और तीन बैराज से लगातार एक लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जिले के विभिन्न गांव और सड़को में पानी भर गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. नदी का जल स्तर और अधिक बढ़ने की संभावना बनी है. शिवनाथ नदी में कई सालों बाद अपने खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. वहीं महमरा एनीकट में 10 फीट ऊंचाई से पानी बह रहा है. नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के 30 से अधिक गांव में बाढ़ आ गई है. वहीं शिवनाथ नदी का पानी शहर तक आ गया है पानी भर जाने से कई मार्ग और गांव से संपर्क टूट चुका है.


कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया निरक्षण
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने भरदा, आलबरस आदि गांवों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से चर्चा की. कलेक्टर भरदा स्कूल भी गये. यहां ईंट भट्टे में काम करने वाले कुछ बाढ़ प्रभावित लोगों को रखा गया है. कलेक्टर ने उनसे चर्चा की. उन्होंने बताया कि हम लोग 40 लोग थे. बाढ़ में फंस गये थे. हमें भरदा स्कूल में ठहराया गया है. कलेक्टर ने एसडीएम से लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने और आपदा प्रभावित लोगों के लिए मुकम्मल व्यवस्था करने को कहा है. उन्होंने कहा कि हालात पर लगातार नजर रखें और होमगार्ड के जवानों को आपात स्थिति में तैयार रखें. आपको बता दें कि होमगार्ड के जवान भी जिले में पूरी तरह से मुस्तैद हैं. ग्राम अलबरस में 25 लोग फंस गये थे. इनमें एक नवजात शिशु भी था. होमगार्ड की मदद से इन्हें बचा लिया गया.



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