Durg News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मार्च महीने के शुरुआती दिनों में ही भीषण गर्मी और गर्म हवाएं चलने लगी हैं. मानो लोगों को ऐसा लग रहा है कि मई-जून में चलने वाली लू की शुरुआत अभी से हो गई है. लोग दोपहर में गर्म हवाओं से और तेज धूप से बचने के लिए चेहरे पर कपड़े बांधकर निकल रहे हैं. इस लू को देखते हुए दुर्ग (Durg) जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही लू से कैसे बचा जाए इसके लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं.


लू को लेकर जारी किया गया अलर्ट


जिला प्रशासन दुर्ग और स्वास्थ्य विभाग ने लू को लेकर अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि मौसम में बदलाव की वजह से बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक प्रभावित होते हैं. मुख्य रूप से बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार और उल्टी दस्त की शिकायतें मिलती है. दुर्ग जिले में औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष ग्रीष्म ऋतु में तापमान वृद्धि से लू की संभावना अधिक होती है. इसलिए लू का अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही आम जनता को लू के लक्षण के बारे में बताने के लिए जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.


जानिए लू लगने के लक्षण


दुर्ग जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम और जिला नोडल अधिकारी, डॉ. सी.बी.एस. बंजारे ने बताया कि दुर्ग जिले में लू-तापघात के लक्षण जैसे सिर दर्द, तेज बुखार, कमजोरी, मुंह का सूखना, चक्कर आना, पेशाब कम आना और भूख न लगने जैसी समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज करायें और स्वास्थ्य लाभ लें. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लोगों को  लू-तापघात से संबंधित प्रचार-प्रसार कर अवगत कराया जा रहा है.


जानिए लू लगने पर क्या करें


उन्होंने बताया कि जो मरीज लू से पीड़ित है वो अपने सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएं. इसके साथ वो अधिक पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी, आम का पना और जलजीरा का सेवन करें. पौष्टिक आहार खाएं और पूरी नींद लें. शरीर को क्रियाशील रखें. ठंडी हवा लें और शुद्ध पेयजल अधिक से अधिक पिएं. साथ ही आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखें. 


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