Durg Crime: कलयुगी मामा की करतूत, पैसे नहीं लौटाने पर भांजे की हत्या, टुकड़े-टुकड़े किए शव
दुर्ग में रुपयों के कारण एक युवक की कुछ लोगों ने हत्या कर दी. हत्या के बाद शव को 10 टुकड़ों में करके अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. अब इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है .
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) जिले में एक हैरान करने वाली वारदात का खुलासा पुलिस ने किया है. यहा मुंह बोला मामा अपने भांजे को मौत के घाट उतारने के बाद उसके शरीर के 10 टुकड़े करके चार अलग-अलग बोरियों में भरकर अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया. इस मामले में दुर्ग पुलिस ने हत्यारे मामा समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से कुल्हाड़ी और हत्या में प्रयोग किए गए सामान बरामद किए हैं. इस मामले में चार आरोपी अब भी फरार है. इनकी तलाश पुलिस कर रही है.
जांच में चौकाने वाली बात सामने आई
दरअसल, 17 अक्टूबर को स्मृति नगर चौकी में मृतक का भाई नितेश डाहिरे आकर शिकायत दर्ज कराई की उसका भाई नीलेश डाहरे जो कि स्मृति नगर कालोनी में रहता है. सात अक्टूबर से फोन रिसीव नहीं कर रहा है और अब फोन भी बंद हो गया है. तब से अब तक उसका कोई पता नही चल रहा है. इस पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर तलाश शुरू की. मृतक के भाई ने बताया कि नीलेश म्यूजिशियन है एलबम वगैरह बनाता है. पुलिस ने तलाश के दौरान आस-पास के लोगों व नीलेश के साथी दोस्तों से पूछताछ की लेकिन कुछ भी पता नही चल पा रहा था. वहीं नीलेश की एक्टिवा स्कूटी भी गायब थी. मामले में कुछ संदेह होने से थाना प्रभारी सुपेला निरीक्षक दुर्गेश शर्मा को बताया गया. मामले में किसी अप्रिय घटना के घटित होने की आशंका पर थाना प्रभारी द्वारा तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए टेक्नीकल साक्ष्यों का सहारा लिया गया. नीलेश की कॉल डिटेल निकलवाने पर और उसे देखने पर काफी अजीब चीजें देखने को मिली.
एसपी ने टीम का किया गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ अभिषेक पल्लव इस मामले की जांच के लिए आठ सदस्यीय टीमों का गठन किया. टीम के द्वारा सिमगा के ग्राम कचकोन में ही कैम्प कर घटना से जुडे़ व सीडीआर में मिले तथ्यों के आधार पर बारीकी से इन्वेंस्टीगेशन किया. मामले से जुडे़ 6 संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू किया गया. सभी संदेही बहुत ज्यादा शातिर व अपराधिक प्रवृत्ति के लोग थे. पूरे क्षेत्र में इनके नाम का खौफ था. बहुत मशक्कत के बाद 6 में से 3 आरोपी टूट गये और नीलेश को भिलाई से अपहरण कर हत्या कर देना कबूल किया. आरोपियों ने घटना कबूल तो कर लिया था लेकिन जो घटना का स्वरूप पुलिस को बताया वो पुलिस टीम को पच नहीं रहा था और न ही आरोपियों के निशानदेही पर मृतक का शव और हथियार मिल रहा था. कोई भी साक्ष्य बरामद नहीं हो पा रहे थे.
सभी आरोपी है कुख्यात अपराधी
इसी दौरान पुलिस टीम को मुखबीर से कुछ महत्वपूर्ण सूचना मिली जिसके आधार पर आरोपियों से फिर से पूछताछ किये जाने पर आरोपियों ने घटना कबूल किया और बताया कि नीलेश से सभी आरोपियों की दोस्ती थी. ये अपने फरारी के समय भी नीलेश के पास आकर ठहरते थे. टीम में आरोपियों के निशानदेही पर मृतक के शव के धड़ का भाग महासमुंद से करीब 150 किलोमी दूर नेशनल हाईवे से लगे पहाड़ जंगल से बरामद किया गया. आरोपियो ने बताया कि अन्य हिस्सों को अलग-अलग जगह नदी में फेंका गया है. इसकी तलाश अब भी जारी है. आरोपियों द्वारा घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, चाकू व डंडे आदि पुलिस ने बरामद कर लिये हैं. घटना में प्रयुक्त आर्टिका कार व मृतक की एक्टिवा भी आरोपियों के कब्जे से बरामद किया गया. पुलिस टीम ने मामले में अब तक 6 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कुछ संदेही की तलाश अब भी पुलिस कर रही है.
यह है वारदात की वजह
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी मोटू व वरूण से नीलेश ने करीब 1,60,000 रुपये भी ले रखे थे. साथ ही मोटू की एक एक्टिवा भी अपने पास रखी थी जो दे नहीं रहा था. जब भी ये एक्टिवा लेने जाते थे तो नीलेश पुलिस में रिपोर्ट करने की धमकी देता था. इसी बात से नाराज होकर मोटू जो कि एक कुख्यात अपराधी है उसने अपने गैंग के वरूण, भोजराम व अन्य के साथ मिलकर किराये की एक आर्टिका कार बुक कर भिलाई आकर नीलेश को 7 अक्टूबर को अपहरण कर ग्राम कचकोन(सिमगा) में एक नर्सरी में ले जाकर हत्या कर दिया. हत्या करने के बाद मनीष निवासी कचकोन के घर लाकर मृतक के शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन्हें अलग-अलग चार बोरों में भर कर अलग-अलग स्थानों पर डिस्पोज कर दिये. आरोपियों के गैंग के कब्जे से अलग-अलग जगहों से 2 नग नकली पिस्टल, तलवार, चाकू, फरसा और कई अलग-अलग तरह के हथियार बरामद किये गये हैं. जो संभवतः ये लोगों को डराने धमकाने व अपराध करने में उपयोग करते थे.