छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. इसके तहत कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से एक नई योजना मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है.  मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में भाग लेने के लिए इच्छुक कृषक या संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण के लिए आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं.


जानिए किन हितग्राहियों को मिलेगा इस योजना का लाभ


 इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा. सभी वर्गों के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे. मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण करने के लिए 100 प्रतिशत और 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा.


निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन खरीदेगा


इस योजना में सहयोगी संस्था या निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है. उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है. सहयोगी संस्था या निजी कम्पनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगी तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा. टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के बाद निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा.


15 से 50 हजार तक एक एकड़ में प्रतिवर्ष आय होने की संभावना


राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के बाद हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ की आय प्राप्त होने की संभावना है. मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हजार किसान लाभान्वित होंगे. इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक आय की प्राप्ति होगी.


वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों जैसे पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. नये उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी.


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