Chhattisgarh Durg Online Fraud: अगर आप ऑनलाइन किसी भी सामान को मंगवाते हैं और किसी कारणवश वह सामान आपके पास नहीं पहुंच पाता है. इसके बाद आप गूगल पर जाकर कूरियर सर्विस नंबर पता करने की कोशिश करते है. ऐसे में कुछ शातिर लोग इस बात का फायदा उठाने कि कोशिश करते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आप ना करें. अगर आप ऐसा करते है तो आपको बहुत सावधानी बरतनी होगी. आपको यह शातिर ठग लाखों से लेकर करोड़ों रुपए तक का चूना लगा सकते हैं. ऐसे ही दो शातिर ठग को दुर्ग पुलिस ने झारखंड से गिरफ्तार किया है.


 4 लाख से ज्यादा रुपए का लग गया चूना


दरअसल 20 मार्च 2023 को प्रार्थी हरीश कुमार ने पद्मनाभपुर थाना में आकर लिखित शिकायत की. वह हनोदा रोड शीतला तालाब के पास वार्ड नम्बर 52 के निवासी है. उन्होंने लिखित शिकायत में कहा कि 19 मार्च को लगभग 1 बजे से 2 बजे के बीच delivery की समस्या आने से गूगल सर्च इंजन पर delivery courier सर्च किया. जिस पर कुरियर कंपनी की समस्या दूर किये जाने के लिए एक मोबाईल नम्बर मिला. जिस पर कॉल किये जाने पर सामने वाले व्यक्ति ने अपने आप को कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए एक लिंक भेजा. 


पीड़ित ने कहा ''भेजे गये लिंक में फार्म भरने बोलते हुए मुझसे बैंक संबंधी आवश्यक जानकारी लेकर मेरे मोबाइल पर ओटीपी भेजा. इसमें 05 रुपये की राशि भुगतान करने की चर्चा की करते हुए मेरे मोबाइल पर एक ऐप एनीडेस्क इंस्टॉल करने को कहा और ओटीपी शेयर करने को कहा. मेरे मोबाइल पर एनीडेस्क इंस्टॉल करने के बाद प्राथी हरिश टंडन के बैंक खाता से अलग अलग किस्तों में कुल 422999 रुपये निकाल लिया गया. इस शिकायत पर पदमनाभपुर पुलिस ने धारा 420 ई का मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई की.


एसपी ने कड़ी जांच के निर्देश दिए


मामले की गंभीरता को देखते हुए दुर्ग पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए . उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देशित किये. जिसके बाद पुलिस की एक टीम का गठन किया गया और मामले की जांच में जुट गई. जांच के दौरान टीम द्वारा प्रार्थी से पूरी ठगी की घटना के बारे में पूछताछ की गई और जानकारी इकट्ठा करने के बाद आरोपी के मोबाइल नंबर और पैसों के लेनदेन के लिए उपयोग किए गए बैंक खातों का जांच की गई.


झारखंड से दो शातिर ठग हुए गिरफ्तार


जांच में आरोपियों का पता कर्माटार जिला जामताड़ा झारखण्ड होना पता चला. जिस पर पुलिस की एक विशेष टीम जामताड़ा झारखण्ड के लिए रवाना की गयी. टीम द्वारा जामताड़ा पहुंच कर आरोपी के संबंध में जानकारी एकत्रित की गयी. जिस पर टीम को इस घटना स्थानीय निवासी अर्जुन मंडल द्वारा ठगी की घटना का अंजाम देना पता चला. टीम द्वारा स्थानीय पुलिस की मदद प्राप्त करते हुए अर्जुन मंडल एवं एक सहयोगी नकुल कुमार मंडल को घेराबंदी कर पकड़ा गया. आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को गुमराह करते रहे लेकिन कड़ाई से और तकनीकी रूप से पूछताछ करने पर उक्त घटना को दोनों द्वारा मिलकर कार्य करना स्वीकार किया.


जानिए यह शातिर ठग कैसे ठगी की वारदात को देते थे अंजाम


दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव के द्वारा पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह घटना को कैसे देते थे अंजाम. घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी सबसे गूगल एड पर 1000 रूपये की लेकर Delivery courier के नाम पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन प्राप्त करते हैं. कोई व्यक्ति गूगल पर उक्त सर्विस के लिए सर्च करता है तो उसे Delivery courier रजिस्टर कराये गये व्यक्ति का मोबाइल नम्बर दिखाई है. पीड़ित व्यक्ति द्वारा कॉल करने पर उन्हें झांसे में लेते हुए उनके फोन पर एक लिंक भेजकर फार्म भरने बोलते है.


व उनसे बैंक संबंधित जानकारी जैसे बैंक खाता नम्बर, सीवीवी नंबर, कार्ड एक्सपायरी डेट पिन कोर्ड नम्बर एवं ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं.  फिर पीड़ित के मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप इंस्टॉल करा कर उनका एक्सेस अपने पास प्राप्त कर लेते है.  फिर उनके बैंक खातों में रखे राशि को निकाल लेते है. आरोपियों की निशानदेही पर घटना में घटना में उपयोग किये गए 14 मोबाइल और कई कंपनियों के सिम कार्ड बरामद किए गए हैं और इस मामले में दो आरोपियों को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है दोनों के खिलाफ पुलिस धारा 420 का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.


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