Fraud Case from Bank Manager in Durg: दुर्ग में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर से 18 लाख की ठगी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने दिल्ली से अंतरराज्यीय ठग गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. ठगों से पुलिस ने 1.50 लाख नगदी समेत 7 एटीएम और अलग-अलग बैंकों के दस्तावेज बरामद किये हैं. बैंक खातों में जमा 35 लाख रुपये को फ्रिज कर भी दिया गया है. लेकिन ठग गिरोह का मुख्य सरगना विनय यादव सहित तीन आरोपी अब भी फरार हैं.
गौरतलब है कि 24 जनवरी 2022 को भारतीय स्टेट बैंक दुर्ग के मैनेजर को एक अनजान नंबर से फोन आया कि मैं कैलाश मध्यानी का पार्टनर बोल रहा हूं और वेंकटेश मोटर्स का मालिक हूं. मुझे अर्जेंट 18 लाख रुपए ट्रांसफर करने हैं, मैं बैंक पहुंचकर चेक देता हूं. मेरी तरफ से एक ईमेल भी किया गया है. आप जल्दी से पैसा ट्रांसफर कर दीजिए. बैंक मैनेजर अनुरंजन ने 18 लाख रुपए आरटीजीएस और एनईएफटी के माध्यम से दिये गए अकाउंट नंबर पर दिया. बैंक मैनेजर ने धोखाधड़ी का एहसास होने पर मोहन नगर थाने में धारा 420 के तहत मामला दर्ज करा दिया.
18 लाख की ठगी मामले में दिल्ली से 4 गिरफ्तार
पुलिस हाई प्रोफाइल ठगी के मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई थी. साइबर सेल ने ठगों के मोबाइल नंबर और खातों को प्राथमिकता के आधार पर जांच शुरू की. जांच में पता चला कि पंजाब के जालंधर से फोन आया था और खाता भी जालंधर का ही था. अब पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया तो पता चला कि धोखाधड़ी पंजाब के जालंधर से ही हुई है और ठगों की लोकेशन दिल्ली और हरियाणा बता रहा है. दुर्ग पुलिस ने आरोपियों का लोकेशन ट्रैस कर 3 टीम बनाई. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब की जालंधर पुलिस की टीम को फरीदाबाद स्थित एटीएम से पैसे निकालने की जानकारी मिली. पुलिस ने घेराबंदी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों में विकास ढींगरा, पुनीत उर्फ डंपी, मुन्ना साव और पवन मांझी हैं. चारों अलग-अलग राज्यों के रहनेवाले हैं. पुलिस की पूछताछ में ठगों ने गैंग बनाकर वारदात को को अंजाम देना कबूला. इस मामले में मुख्य सरगना सहित तीन आरोपी अब भी फरार हैं. दुर्ग पुलिस तलाश कर रही है.
गूगल से मोबाइल नंबर निकालकर ठगी को अंजाम
पकड़े गए ठग देश के कई राज्यों में इस तरह की ठगी को अंजाम दे चुके हैं. बदमाश अक्सर बैंक कर्मचारी, शो रूम कर्मी को शिकार बनाते थे. ठगी करने के लिए पीड़ितों का का नंबर गूगल से निकाल कर फोन किया जाता था और जाल में फंसाकर लाखों रुपये पार कर दिया करते थे. अब तक आरोपी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ठगी को अंजाम दे चुके हैं. हालांकि दुर्ग पुलिस ने बैंक मैनेजर से ठगी के मामले में डेढ़ लाख रुपए नगदी, सात एटीएम और कई बैंक खातों के दस्तावेज बरामद किए हैं. दस्तावेज के मुताबिक बैंकों में 35 लाख से ज्यादा की रकम है. दर्जनों बैंक खातों को सील कर दिया गया है और तीन खातों की रकम को फ्रिज भी कर दिया गया है.
प्रदेश में पहली बार हुई है इस तरह की की वारदात
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बैंक मैनेजर को अनजान नंबर से कॉल किया और शो रूम का मालिक बनकर पैसा का अर्जेट ट्रांसफर करने की बात कही. बैंक मैनेजर को विश्वास दिलाने के लिए पहुंचने पर चेक देने का भरोसा दिया और ईमेल भी किया. जल्दी से जल्दी पैसा ट्रांसफर करने पर बैंक मैनेजर झांसे में आ गए और रकम आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से दिए गए खाता नंबर पर ट्रांसफर कर दिया. छत्तीसगढ़ में इस तरह का पहला मामला सामने आया है. ठगों ने ने शो रूम का मालिक बनकर बैंक मैनेजर से लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई. शातिराना तरीके से एक खाते से दूसरे खातों में तत्काल ट्रांसफर कर बदमाश पैसा निकाल लेते थे.
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