Durg Engineer Murder Case: दुर्ग पुलिस ने इंजीनियर शिवांग चंद्राकर हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. वारदात को चंदखुरी के पूर्व पंच अशोक देशमुख और बसंत साहू ने एक अन्य साथी विक्की देशमुख के साथ मिलकर अंजाम दिया था. बसंत साहू पुलगांव थाने में माली का काम करता है. इंजीनियर की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और अपहरण कर 30 लाख फिरौती की योजना थी. दुर्ग पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगाले और लगभग 500 लोगों से पूछताछ की थी. हाईप्रोफाइल हत्त्याकांड का खुलासा करते हुए दुर्ग आईजी ओपी पॉल ने बताया कि 6 दिसंबर 2021 की शाम को मृतक शिवांग चंद्राकर चंदखुरी स्थित फार्म हाउस से लापता हो गया.


फार्म हाउस से मां के घर जाने के लिए बाइक से निकला था. लेकिन देर रात तक घर नहीं पहुंचा. बाइक फार्म हाउस से कुछ दूरी पर मिली. पुलगांव पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच कर रही थी. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी लापता का कहीं कोई पता नहीं चल पा रहा था. इसी दौरान 5 जनवरी 2022 को शिवांग चंद्राकर के बड़े भाई धर्मेश चंद्राकर ने पुलगांव थाने में सूचना दी कि चंदखुरी के हरीश साहू के खेत में मानव खोपड़ी, घड़ी, कपड़ा और हड्डियां मिली हैं. पुलिस ने मौके पर जाकर मानव शरीर की हड्डियां, मानव खोपड़ी, कपड़े और हाथ की घड़ी को जब्त किया. शिवांग के भाई ने बरामद घड़ी की पहचान करते हुए शिवांग की होना बताया.


डीएनए टेस्ट में नर कंकाल इंजीनियर का साबित 


डीएनए टेस्ट में नर कंकाल शिवांग का साबित हुआ. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि चंदखुरी के पूर्व पंच अशोक देशमुख और शिवांग के परिजनों के साथ पंच चुनाव को लेकर विवाद हुआ था. पुलिस शक के आधार पर अशोक देशमुख के पीछे लग गई. अशोक की गतिविधियां संदिग्ध लगने पर पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की. अशोक ने खुद के बारे में पुलिस को वारदात की रात घर की छत पर बैठकर शराब पीना बताया. कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि उसकी पत्नी ने उसी रात अशोक के मोबाइल पर कई फोन किये थे, लेकिन उसने नहीं उठाया. पुलिस ने पत्नी से भी पूछताछ की तो अशोक का झूठ पकड़ा गया. सख्ती से पूछताछ में अशोक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर शिवांग चंद्रकार की हत्या करना स्वीकार कर लिया. हत्याकांड में शामिल बसंत साहू पुलगांव थाने में माली का काम करता है.


वारदात के बाद भी उसका थाने में आना-जाना था. माली के काम की आड़ में पुलिस की जांच पर भी पूरी नजर रख रहा था. कहा जा रहा है कि पुलिसवालों को गलत सूचना देकर गुमराह करने की भी कोशिश करता था. आरोपी अशोक देशमुख ने पुलिस को बताया कि अपने दो दोस्त विक्की देशमुख और बसंत साहू के साथ मिलकर शिवांग की हत्या करने के बाद परिजनों से 30 लाख रुपए की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी. उसने बताया कि योजना के मुताबिक कार से चंदखुरी गए और  शिवांग के आने का इंतजार करते रहे. शाम को शिवांग फार्म हाउस से निकला तो अशोक ने शिवांग से आगे तक छोड़ने के लिए लिफ्ट मांगा.


नायलान की रस्सी के फंदे से गला घोंटकर हत्या


शिवांग ने बाइक पर अशोक को पीछे बैठाया. बैठते ही अशोक ने शिवांग को पीछे से जकड़ लिया. पास की नहर के नीचे शिवांग को ले गया. पहले से छिपे बैठे विक्की और बसंत साहू भी आ गए और नायलोन की रस्सी के फंदे से शिवांग का गला घोंट दिया. शिवांग की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद शिवांग की बाइक को खड़ी कर शव को कार की डिग्गी में डाला और झरझरा पुल के पास सुनसान जगह पर हार्वेस्टर के चक्के से बने गढ्ढे में डालकर मिट्टी, पैरा और पत्थर से दबा दिया. बाद में शिवांग चंद्राकर के पैंट, शर्ट, बैग को झरझरा पुलिया के पास जला दिया और घटना में इस्तेमाल नायलोन की रस्सी, हेलमेट, मोबाइल को बसंत साहू ने डोगिंया तालाब में फेंक दिया. फिलहाल पुलिस अभी मृतक का मोबाइल और अन्य सामानों को तालाब में गोताखोरों की मदद से खोज रही है.


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