Durg News: छत्तीसगढ़ में इस योजना ने बदल दी कई परिवारों की दुनिया, बेटियाें की शादी में आ रही थी बाधा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की एक योजना ने कई परवारों की दुनिया बदल दी है. उनके वर्षों पुराने सपने को साकार किया है.
टॉइलेट-एक प्रेम कथा फिल्म में टॉइलेट के नहीं होने की वजह से एक परिवार की खुशियां बिखरने के कगार पर आ गई थीं लेकिन जब टॉइलेट बन गया तो घर बिखरने से बच गया. छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं के तहत जिन्हें मकान बनाने में सहायता दी गई, सबकी ऐसी ही कुछ न कुछ कहानियां हैं और सभी कहानियों का अंत बहुत सुखद है. कच्ची झोपड़ियों में उनके सपने भी सिसक रहे थे. आवास बन गया तो सपने भी पूरे हो गये.
कच्चा मकान होने की वजह से टूट जाती थी बेटियों की शादी
छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित भिलाई की कुरूद बस्ती के वार्ड क्रमांक 16 में कतार से पीएम आवास के घर नजर आते हैं. सारे घर हाल-फिलहाल में तैयार हुए हैं. द्रौपदी साहू का किस्सा भी टॉयलेट एक प्रेम कथा फिल्म से कम नहीं है द्रोपति साहू बताती हैं कि उनकी चार बेटियां थीं, कच्चा घर था. रिश्ता बनता था लेकिन जब लड़के वाले घर की स्थिति देखते थे तो पीछे हट जाते थे. जब ऐसा ही हुआ तो निर्णय लिया कि पीएम आवास के लिए सरकार सहायता दे रही है यह बन जाएगा तो ही रिश्ते के लिए आगे बात करेंगे. घर बन गया और शादी भी तय हो गई.
पीएम आवास योजना ने खुशियों से भर दी जिंदगी
दामाद कैसा मिला है यह पूछने पर द्रौपदी ने बताया कि घर तो बन गया था लेकिन सजावट कुछ कम थी. दामाद ने कहा कि घर के सामने टाइल्स लगवा दें तो घर और सुंदर हो जाएगा. दामाद ने केवल सुझाव नहीं दिया, उसने टाइल्स भी लगवा दिया. द्रौपदी बताती हैं कि साफसुथरा सुंदर घर कितना अच्छा लगता है. कच्चे घऱ में बहुत दिक्कत होती थी. सरकार ने सवा दो लाख रुपए दिये और हमने अपनी बचत भी इससे जोड़ी जिससे हमारा सुंदर सा घर तैयार हो गया है. अपने सुंदर घर में द्रौपदी ने संत कबीर की तस्वीर वाली टाइल्स भी लगाई है. घर के साथ कितने सारी भावनाएं जुड़ी रहती हैं यह तस्वीर बताती है.
पक्का मकान बनाना एक सपना सा था
एक अन्य हितग्राही दुलेश्वरी साहू ने बताया कि मकान का सपना पूरा करना बहुत कठिन है. जब मकान बनवाना चाहते थे तब अचानक सास की तबियत खराब हो गई. इसमें चार लाख रुपए खर्च हो गए. मकान का सपना अधूरा रह जाता लेकिन तब इस योजना से सहायता मिल गई और घर तैयार हो गया.
अपनी इच्छा अनुसार मकान बनाना अच्छा लगता है
एक अन्य हितग्राही सरस्वती ने बताया कि हमें अधिकारियों का लगातार सहयोग मिला. हमने अपनी तरह का घर बनाया, जिस तरह से हमें जरूरत थी वैसा घर बनाया. मैं हमेशा से सोचती थी कि मेरा किचन बहुत व्यवस्थित हो. किचन बहुत अच्छा तैयार किया है. मकान अपने मन से बनता है तो मन बहुत अच्छा रहता है. वार्ड क्रमांक 16 में जिधर भी जाएं. पीएम आवास हर कहीं बने हुए हैं. सब तरह सुव्यवस्थित मकान बने हुए हैं. कच्ची झोपड़ी की बस्ती के सपनों को छत मिल गईं हैं और सब बहुत खुश हैं.
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