CISF Constable Bharti 2022: दुर्ग में CISF भर्ती परीक्षा के दौरान छह 'मुन्नाभाई' गिरफ्तार, बनवाया था फर्जी प्रमाण पत्र
मध्य प्रदेश का रहने वाला आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर सीआईएसफ में बिना परीक्षा दिए नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से प्रति व्यक्ति पांच लाख लिया करता था. पुलिस ने 6 मुन्ना भाइयों को गिरफ्तार किया है.
CISF Constable Recruitment 2022: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की आरक्षक भर्ती परीक्षा (Constable Recruitment Exam) में एक बार फिर बड़ी गड़बड़ी (Fraud) उजागर हुई है. पुलिस ने 6 मुन्ना भाइयों को गिरफ्तार किया है. मुन्ना भाई अपने बदले दूसरे को लिखित और फिजिकल परीक्षा दिलवा रहे थे. पकड़े गए छह मुन्ना भाइयों में से दो दलाल और 4 फर्जी अभ्यर्थी शामिल हैं. चार अभ्यर्थियों की जगह पर मुन्ना भाई शारीरिक परीक्षा में शामिल होने उतई CISF कैंप पहुंचे थे. उतई पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
अंगूठे के निशान मेल नहीं खाने से मामले का खुलासा
फिजिकल टेस्ट के दौरान बायोमेट्रिक अटेंडेंस में अंगूठे के निशान मेल नहीं खाने से मामले का खुलासा हुआ. परिचय पत्र और थंब इंप्रेशन से गिरोह के सभी सदस्यों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस में अंगूठे का निशान मिलान कराया गया. सीआईएसएफ के अधिकारियों की शिकायत पर उतई पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़ लिया. पकड़े गए आरोपियों में से एक मध्य प्रदेश का रहने वाला है और पांच उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. घटना के सामने आने से सीआईएसफ और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. आपको बता दें कि इन दिनों भिलाई के उतई सीआईएसफ कैंप में सीआईएसफ आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट हो रहा है. गैंग बड़े शातिराना ढंग से धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देता था.
Jagdalpur News: आपसी रंजिश में बीच सड़क पर जमकर चले लात घूंसे, Video Viral हुआ तो हरकत में आई पुलिस
4 लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख की ठगी
मध्य प्रदेश का रहने वाला आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर सीआईएसफ में बिना परीक्षा दिए नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से प्रति व्यक्ति पांच लाख लिया करता था और धोखाधड़ी कर लिखित परीक्षा में अपने किसी आदमी को एक लाख देकर बिठाता था. दुर्गेश सिंह तोमर ने 4 लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 20 लाख रुपए लिए थे और सीआईएसएफ की लिखित परीक्षा में एक ही व्यक्ति ने चार लोगों से एग्जाम को अलग-अलग तिथि पर देकर पास भी करवा लिया था. मामला उजागर तब हुआ जब चारों आरोपी भिलाई के उतई सीआईएसफ कैंप में फिजिकल टेस्ट देने आए. चारों आरोपियों का जब बायोमैटक अटेंडेंस लिया गया तो लिखित परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी से थंब मैच नहीं हुआ.
थंब इंप्रेशन मैच नहीं होने पर सीआईएसएफ के अधिकारियों को शक हुआ. उन्होंने इनसे पूछताछ की तो कुछ भी नहीं बताया. लेकिन सीआईएसफ के अधिकारियों ने जब उनका आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र देखा तो उनका शक गहराया क्योंकि बोलचाल की भाषा में सभी फर्जी अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ की बोली नहीं बोल पा रहे थे जबकि इन अभ्यर्थियों का आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ का था. अभ्यर्थियों के आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जांच करने पर फर्जी निकले. सीआईएसएफ के अधिकारियों ने मामले की शिकायत उतई पुलिस से की. दुर्ग पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि धोखाधड़ी के मामले में अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी को एक रैकेट संचालित कर रहा था. गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है. बहरहाल पुलिस सभी पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है और आगे भी खुलासा होने की संभावना है.
Raipur News: बरसात में फिर से जलमग्न हो सकता है रायपुर, नगर निगम ने देर से शुरू किया सफाई अभियान