Durg News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहने वाली ट्रांसजेंडर कंचन सेन्द्रे कोरोना के जंग में अहम भूमिका निभा रही है. कंचन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रही है. वह ऐसे लोगों के मन से कोरोना वैक्सीन को लेकर डर दूर कर रही है जो कोरोना वैक्सीन लगवाने से डरते है. कंचन की इस पहल की वजह से लोग अब उन्हें वैक्सीन दीदी के नाम से भी जानने लगे है. कंचन की इसी मुहिम को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें तृतीय समुदाय कल्याण बोर्ड का सदस्य बना दिया है.


कंचन अपने समुदाय के डेढ़ सौ लोगों को लगवा चुकी हैं वैक्सीन


ट्रांसजेंडर कंचन सेंद्रे ने अपने समुदाय में कोविड-19 वैक्सीन लगाने के बाद किसी तरह का दुष्प्रभाव होने के अफवाहों को दूर करने के लिए सबसे पहले खुद कोरोना वैक्सिन लगवाया. इसके बाद कंचन ने एक मुहिम चलाकर जिले में लगभग 150 ट्रांसजेंडर लोगों को वैक्सीन लगवाई. इस मुहिम के बाद कंचन को छत्तीसगढ़ के लोग वैक्सीन दीदी के नाम से जानने लगे है. कंचन के इस सामाजिक सरोकार को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें छत्तीसगढ़ तृतीय समुदाय कल्याण बोर्ड का सदस्य बना दिया.


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वैक्सीन के लिए समुदाय के लोगों को किया प्रेरित


कंचन सेंद्रे ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन के बारे में हिचकिचाहट थी. जिस समय मुझे कोरोना का पहला डोज लगा था उस समय मैं बीमार पड़ गईं थी. उसके बाद मैं अच्छा महसुस करने लगी. जिसके बाद मैंने अपने समुदाय के लोगों को समझाया और उनका हौसला बढ़ाया. उसके बाद समुदाय के लोगों ने भी वैक्सीन लगवाने के लिए हामी भरी. स्वास्थ विभाग की मदद से तृतीय समुदाय के लोगों के लिए कैंप लगाकर वैक्सीन लगवाई. कंचन ने अब तक अपने समुदाय के लगभग 150 लोगों को वैक्सीन लगवा चुकी हैं. साथ ही अन्य लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जागरूकता अभियान के माध्यम से अपील भी करते आ रहे है.


दस्तावेज के अभाव में वैक्सीन लगाने में होती थी परेशानी
कंचन सेंद्रे ने बताया कि तृतीय समुदाय के 250 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. तृतीय समुदाय के लोग बाजारों में कलेक्शन, घरों में डांस, ट्रेन में कलेक्शन करने जाते है जो एक दूसरे व्यक्ति के संपर्क में रहते है. इसलिए उन्हें वैक्सीन लगाने की बहुत जरूरत थी. मैंने देखा है कि तृतीय समुदाय के लोगों को शुरू से ही उपेक्षित मानते है. जिसको देखते हुए मैंने कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए समुदाय के लोगों को प्रेरित किया. वैक्सीन लगाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिसमें मुख्य परेशानी दस्तावेज का था.


इस समुदाय के बहुत सारे लोग साड़ी पहनते है, लेकिन उनके दस्तावेजों में पुरुष दर्शाया गया है. जिसके चलते परेशानी होती थी. तृतीय समुदाय के लोगों ने बताया कि कंचन सेंद्रे ने समुदाय के लोगों को वैक्सीन लगाने के प्रोत्साहित किया जिसके बाद हम लोगों ने भी कोविड वैक्सीन लगवाया है. वैक्सीन लगाने के बाद किसी प्रकार की परेशानी नही हुई. हम लोगों से अपील करते है की इस महामरी से बचने के लिए आप भी कोविड वैक्सीन जरूर लगवाए.



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