Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड क्षेत्र के गांवों में मजदूरी करने वाली बहुत सारी महिलाएं अब दाल मिल चला रहीं हैं. वे किसानों की दलहनी फसलें खरीद कर खुद दाल बना रही हैं. इन महिलाओं को आईसीआईसीआई फाउंडेशन की ओर से दाल बनाने, पॉलिश करने और आटा बनाने की मशीन प्रदान की गई है. इससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अब उद्यम के क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रही हैं.
आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रही है महिलाएं
ग्राम जाताघरों में श्रद्धा स्वयं सहायता समूह द्वारा पिछले 1 माह से दाल बनाने का कार्य किया जा रहा है. जहां इन महिलाओं के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन की ओर से स्थापित की गई दाल मिल का जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन ने विधिवत उद्घाटन किया. समूह की अध्यक्ष प्रतिमा ठाकुर ने बताया कि उनके समूह में कुल 11 महिलाएं जुड़ी हैं. इसके पहले वे सभी मजदूरी करती थी. अब वे दाल मिल चलाकर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही हैं.
आर्डर मिलना हो गया है शुरू
उन्होंने बताया कि अब तक उनके द्वारा एक माह में 3 क्विंटल दाल बनाया जा चुका है. इसमें से लगभग एक क्विंटल दाल का विक्रय भी कर चुकी हैं. इसके अलावा दाल बनाते समय निकलने वाले चुनी का भी वे 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से विक्रय करके आर्थिक आमदनी अर्जित कर रही हैं. उनके समूह को हॉस्टल और दुकानदारों से आर्डर मिलना भी शुरू हो गया है. जिन्हें भी वे शीघ्र ही दाल सप्लाई करेंगी. उन्होंने बताया कि चना दाल का बेसन बनाकर भी उनके द्वारा विक्रय करने की तैयारी चल रही है.
समूह की अध्यक्ष गंगोत्री चंदेल ने दी जानकारी
समूह में उनके अलावा जुड़ी अन्य महिलाएं अनीता मरकाम, रमशीला यादव, उपाठाकुर प्रेमीन यादव, पार्वती यादव, मंगलीन यादव, कुमारी ठाकुर, रूपा यादव, पूर्णिमा यादव और रामकली यादव सभी मिलकर उक्त दाल मिल संचालित कर रही हैं. इसी प्रकार ग्राम हरितरा में जय मां शीतला स्व सहायता समूह द्वारा भी दाल मिल चलाया जा रहा है. समूह की अध्यक्ष गंगोत्री चंदेल ने बताया कि अब तक 12000 हजार रुपए से भी अधिक के दाल एक माह में विक्रय कर चुकी है. एक सप्ताह पहले परसकाल में भी महिलाओं ने दाल मिल स्थापित की है.
एक साल में कितनी हो सकती है कमाई
जानकारी के अनुसार मिल के क्षमता के मुताबिक प्रत्येक समूह की महिलाएं साल में लगभग 50 टन दाल का उत्पादन कर सकती हैं. इससे ये सालाना 10 लाख रुपए से अधिक की शुद्ध कमाई कर सकती हैं. इसके अलावा दाल बनाते समय निकलने वाले चुनी बेचकर भी अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर सकती हैं.
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