Raipur: छत्तीसगढ़ में ईडी ने विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले दस्तक दी थी. इसके बाद से लगातार 5 महीने से ईडी की कार्रवाई जारी है. पहले कोयला कारोबारियों और प्रशासन के बड़े अफसरों को ईडी ने गिरफ्तार किया. अब ईडी कांग्रेस के नेताओं से पूछताछ कर रही है. ये सिलसिला पिछले 20 दिन से चल रहा है. इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ईडी के एक्शन से कांग्रेस पार्टी बड़ी मुसीबत में फंस गई है और क्या इससे विधानसभा चुनाव में असर पड़ेगा.


कारोबारी, अफसर के बाद कांग्रेस के नेताओं के घर रेड


दरअसल 11 अक्टूबर 2022 को ईडी ने छत्तीसगढ़ में एक साथ कई जगहों पर रेड किया था. इसके बाद से लगातार 5 महीने तक यानी 2023 में फरवरी तक ईडी की रेड जारी है. पिछले महीने 20 फरवरी को ईडी ने एक साथ 6 से अधिक कांग्रेस पार्टी के पॉवरफुल नेताओं के घर रेड किया था. इसके बाद अब नेताओं को ईडी लगातार समन भेजकर पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुला रही है. इस दौरान ईडी के अफसर 8-8, 10-10 घंटे पूछताछ कर रहे हैं. 


ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस ने पंडाल लगाकर विरोध शुरू किया


गुरुवार को कांग्रेस के नेता विनोद तिवारी को ईडी ने पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया था. इससे पहले एजेंसी देवेंद्र यादव, गिरीश देवांगन,कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल को पूछताछ के लिए बुला चुकी है. दूसरी तरफ पिछले 10 दिनों से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ईडी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. रायपुर में ईडी 5 दफ्तर के ठीक सामने कांग्रेस ने पंडाल लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं को परेशान करने आरोप लगा रही है.


कांग्रेस नेताओं से ईडी की पूछताछ जारी है


ईडी की पूछताछ से बाहर निकले विनोद तिवारी ने कहा है कि ED ने मुझसे 10 घंटे पूछताछ की है. उनके खिलाफ हुए कार्रवाई को विनोद तिवारी ने राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति की शिकायत करना गुनाह बन गया है. अगर ये गुनाह हे तो ये गुनाह में बार बार करूँगा. जब तक रमन सिंह अपनी आय से अधिक संपत्ति का स्रोत छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता को नहीं बता देते तब तक ये लड़ाई जारी रहेगी पहले भी लड़े हैं आगे भी लड़ेगे.


क्या अब चुनाव में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ेगी?


इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. अब से केवल 8 महीने बाद राज्य में चुनाव हो सकते है. चुनावी माहौल में कांग्रेस के नेताओं के घर ईडी की रेड से जनता के बीच कांग्रेस पार्टी की छवि को लेकर सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है. इसी को समझने के लिए एबीपी न्यूज ने छत्तीसगढ़ के सीनियर जर्नलिस्ट बाबूलाल शर्मा रेड के मायने समझने की कोशिश की है. उन्होंने कांग्रेस के फायदा और नुकसान के लिए जनता और कार्यर्कता के बीच छोड़ा है. उन्होंने कहा कि रेड का जो मैसेज जनता के बीच जाएगा और जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसान मुख्यमंत्री मानती है और केंद्र सरकार का तरीका गलत लगता है और जनता मान लेती है कि सताया जा रहा है तो इस आधार पर कांग्रेस को फायदा हो सकता है. वहीं कुछ राजनीतिक पंडितो का मानना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी किसान पुत्र और छत्तीसगढ़िया वाद के छवि के साथ घर घर तक पहुंचाने में कितना सफल होते है इसपर निर्भर करता है.


कोयला ट्रांसपोर्टिंग गड़बड़ी में कांग्रेस नेताओं के हाथ तलाश रही एजेंसी 


आपको बता दें की ईडी ने ये कार्रवाई कोयला ट्रांसपोर्टिंग में गड़बड़ी का आरोप पर कर रही है. इसमें कोयला कारोबारियों की शासन के बड़े अफसरों की तरफ से मदद करने का आरोप है. अवैध लेवी के जरिए मिले पैसे का राजनीतिक इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है. इसलिए ये मामला छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं के लिए गले की फांस बन गया है. ईडी कोयला ट्रांसपोर्टिंग में गड़बड़ी के आरोप के पीछे सरकार के बड़े अफसर और कांग्रेस नेताओ के संबंध तलाश रही है. इसलिए ये मामला बड़ा हो गया है.


अब तक 5 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी 


11 अक्टूबर 2022 में राज्य में कोयला कारोबार से जुड़े कारोबारियों और रायपुर में सस्पेंड आईएएस समीर विश्नोई के यहां भी रेड की कार्रवाई की गई थी. इसके बाद ईडी ने समीर विश्नोई और 3 कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अफसर सौम्या चौरसिया को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है. अबतक 5 लोगों की ईडी ने गिरफ्तारी की है. ये सभी रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं और रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेशी चल रही है.


ये भी पढ़ें :-Chhattisgarh Election 2023: पीएम आवास के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी बीजेपी, जानिए विधानसभा चुनाव पर कितना होगा इसका असर?