Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) जिले के मैनपाट वनपरिक्षेत्र और रायगढ़ सीमा पर विचरण कर रहे जंगली हाथियों द्वारा फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. ग्राम ललेया में हाथियों के दल ने रात में जमकर तबाही मचाई और 13-14 किसानों के लगभग पांच से छह हेक्टेयर धान के फसल को कुचलकर बर्बाद कर दिया. बताया जा रहा है कि हाथी रातभर खेत में ही विचरण करते रहे और बड़े हो चुके फसलों को उखाड़ निवाला बनाते रहे. सुबह हाथियों का दल गांव से लगे जंगल की ओर चला गया.


हाथियों के जाने के बाद ग्रामीण खेतों का जायजा लेने पहुंचे और फसल की दुर्गती हैरान रह गए. किसानों ने कहा कि हाथियों के विचरण करने से उनके पैर के बड़े-बड़े निशान खेतों में पड़े हुए हैं. हाथी के भारी भरकम पैर के नीचे कई जगह पर फसल बुरी तरह से कुचल गई है. ग्राम ललेया निवासी दशरथ, सर्वेश्वर, जलेश्वर, देवनाथ, दीपनारायण, सूखल, महिमा, झमरू, रामअवतार, घुरऊ, रानी, दिलीप, रामेश्वर और लल्लू राम के फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है. 


ग्रामीणों पर बना जनहानि का खतरा


वहीं फसलों को क्षति पहुंचाए जाने से परेशान किसानों के द्वारा हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किए जाने से जनहानि का भी खतरा बन रहा है. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों द्वारा छेड़छाड़ किए जाने से हाथी भी उग्र हो रहे हैं. ललेया में शोर मचाए जाने पर हाथियों ने ग्रामीणों को दौड़ाया था, जिससे चार-पांच ग्रामीणों को भागते समय गिरने से चोटें भी आईं. हालांकि, किसी भी तरह की जनहानि न होने से लोगों ने राहत की सांस भी ली.


वन अमला ग्रामीणों को दे रहा समझाइश


वन अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में हाथियों के विचरण होने के जनहानि रोकने पूरी सतर्कता बरती जा रही है. हाथियों की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की समझाइश दी जा रही है. जिस ओर हाथी विचरण करते हैं उस ओर के ग्रामीणों को पहले ही सतर्क कर दिया जाता है. रेंजर फेंकू प्रसाद चौबे ने बताया कि, बस्ती के पास हाथियों के आने की स्थिति में सुरक्षा के मद्देनजर बस्ती के लोगों को इसकी जानकारी देकर पंचायत भवन या आंगनबाड़ी भवन में अस्थाई रूप से शरण भी दिया जा रहा है.



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