Elephants in Udanti Tiger Reserve: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भीषण गर्मी के बाद हाथियों (Elephants) का एक बड़ा झुंड गांव की तरफ बढ़ रहे है, इनकी संख्या 34 के आस पास है. हाथियों का ये झुंड एक साथ उदंती टाइगर रिजर्व क्षेत्र (Udanti Tiger Reserve) में विचरण कर रहा है. इसकी एक वीडियो भी सामने आई है. इसे देखकर आस पास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. वहीं वन विभाग ने हाथियों के झुंड को लेकर आस पास के सभी गांव को अलर्ट किया है. विभाग ने लोगों को जंगल की तरफ जाने से मना किया है.


दरअसल राजधानी रायपुर के पड़ोसी जिला गरियाबंद में हाथियों का बड़ा दल दिखा है. ये सभी हाथी अभी रिसगांव वन परिक्षेत्र में घूम रहे है और रिसगांव के एक तालाब में मस्ती कर रहे थे. इसके बाद ये इसी इलाके में विचरण कर रहे है. बताया जा रहा है की हाथियों का झुंड धमतरी जिले से गरियाबंद जिले पहुंच चुका है. उनका झुंड गांव की तरफ भोजन की तलाश में बढ़ने की संभावना को लेकर वन विभाग की टीम भी अलर्ट मोड में आ गई है. वहीं हाथियों के झुंड को लेकर उदंती डीएफओ वरुण जैन ने कहा है कि आस पास के गांव में मुनादी करवा कर लोगों को अलर्ट किया गया है. 



गर्मी बढ़ती है तो हाथी हो जाते हैं चिड़चिड़े- एक्सपर्ट


हाथियों के झुंड को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट संदीप पौराणिक ने बताया कि गर्मी के सीजन में हाथी का व्यवहार चेंज हो जाता है. हाथी का वजन इंडिया में 7 हजार से 10 हजार किलो का हो सकता है. दिनभर में 300 से 500 लिटर पानी पीने के लिए चाहिए. लेकिन जंगल में गर्मी के दिनों में पानी और भोजन की कमी से ये भोजन की तलाश में घूमते है. एक्सपर्ट ने ये भी बताया कि गर्मी बढ़ती है तो हाथी चिड़चिड़े हो जाते हैं. जब तक हाथी अपने ऊपर पानी और कीचड़ में नही भिगो लेता तब तक बॉडी का टेंपरेचर मेंटेन नही होगा. जंगल में पानी चारा की कमी हो गई है इस लिए नदी के आस पास के इलाके में हाथी खाने की तलाश में आते है.


छत्तीसगढ़ में हाथियों का इतिहास क्या है?


गौरतलब है की छत्तीसगढ़ में आज से 32 साल पहले हाथियों का आगमन ओडिसा और झारखंड से हुआ था. प्रेमी नितिन सिंघवी वन्यजीव प्रेमी हैं और वाइल्ड लाइफ में गहरी रुची रखते हैं. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 1988 में पहली बार 2 हाथी आए थे. इसके बाद झारखंड और ओडिसा में लगातर माइनिंग के चलते हाथियों ने छत्तीसगढ़ का रूख किया. राज्य स्थापना के बाद से ही छत्तीसगढ़ में हाथियों की चहलकदमी बढ़ती गई. 2021 की स्थति में यहां करीब 300 हाथी विचरण करते है. इसमें करीब 13 से 18 हाथियों का अलग अलग दल है. 


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