Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 25 दिनों से कामकाज छोड़ हड़ताल पर बैठे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. वहीं हड़ताल पर बैठे बस्तर के रसोईया संघ को जैसे ही यह खबर लगी कि प्रदेश के आबकारी मंत्री और बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) बस्तर दौरे पर पहुंचे हुए हैं. वे तुरंत जगदलपुर शहर के सर्किट हाउस में उनसे मिलने पहुंच गए और मंत्री से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगाने लगे, लेकिन मंत्री ने इन आंदोलनकारियों को साफ कह दिया कि तुम्हारी मांगे पूरी नहीं होंगी. हड़ताल करो, सबको हटाएंगे और हम नई भर्ती करेंगे.
बीजेपी ने की निंदा
बातचीत के दौरान किसी ने इस पूरे वाकये को अपने मोबाइल में कैद कर लिया और उसके बाद से सोशल मीडिया में कवासी लखमा की यह वीडियो जमकर वायरल हो रही है. ये वीडियो वायरल होने के बाद अब बीजेपी भी मंत्री कवासी लखमा के इस रवैये को लेकर उन्हें घेर रही है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा को इन आंदोलनकारियों की तकलीफ नहीं दिख रही है. मंत्री के आंदोलनकारियों के साथ इस रवैये को लेकर बीजेपी इसकी घोर निंदा करती है.
सर्किट हाउस में मिलने पहुंचे थे आंदोलनकारी
रसोईया संघ के कर्मचारियों का कहना है कि वे मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अपनी मांगों को लेकर वे जगदलपुर सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री कवासी लखमा से मिलने पहुंचे हुए थे. संघ के सदस्यों ने उन्हें आवेदन दिया और हाथ जोड़कर विनती की, जिस पर कवासी लखमा ने उनसे पहले पूछा कि आप लोगों की हड़ताल तो खत्म हो गई है. संघ के सदस्यों ने कहा कि नहीं हमारी मांगे पूरी नहीं हुई है, तो आंदोलन कर रहे हैं. जिसके बाद कवासी लखमा आंदोलनकारियों पर बिफरे और उन्होंने कह दिया की मांग पूरी नहीं करेंगे. आप लोग हड़ताल करो. हम नई भर्ती करेंगे और ऐसा कहकर मंत्री अपने गाड़ी में बैठ कर चले गए और संघ के सदस्य कवासी लखमा के सामने हाथ जोड़कर खड़े रह गए.
क्या कहा बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ने?
इस वीडियो को देखने के बाद बीजेपी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप भी मंत्री के इस रवैये से काफी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने का अधिकार है. बस्तर के प्रभारी मंत्री होने के नाते आंदोलनकारियों से सही व्यवहार किया जाना था, लेकिन मंत्री ने आंदोलनकारियों को धुत्कारते हुए अपनी गाड़ी में बैठ कर चले गए और आंदोलनकारियों की एक भी नहीं सुनी. जिसकी बीजेपी घोर निंदा करती है.