Fake ED Officer News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग (Durg) में ईडी (ED) का अफसर बताकर राइस मिलर से 2 करोड़ रुपये की लूट किए जाने के मामले में कुल सात लोगों को दुर्ग पुलिस ने हिरासत में लिया है. मुंबई कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेने के बाद सभी आरोपियों को दुर्ग लाया जा रहा है. वहीं अब तक 1 करोड़ रुपये की रिकवरी किए जाने की भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है.


दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने जानकारी दी कि मंगलवार को खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए कुछ लोगों ने दिन दहाड़े राइस मिलर विनीत गुप्ता के साथ ठगी की. मामला सामने आने के बाद अलग-अलग टीमें गठित कर इस केस में लगाया गया. आरोपियों की शुरुआती लोकेशन नागपुर आने के बाद से पुलिस की एक टीम मुंबई भी रवाना की गई. जहा कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया गया. इसके बाद अब तक सात आरोपी पकड़े जा सके है. जिन्हे मुंबई कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर टीम दुर्ग की ओर रवाना हो रही है. आरोपियों के पास से अब तक एक करोड़ रुपयों को भी रिकवर किया गया है.


ईडी के अधिकारी बनकर ऐसे घटना को दिया अंजाम
दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने यह भी बताया है कि राईस मिलर के पास इतनी बड़ी रकम रखे जाने का क्या सोर्स था. इस बात को लेकर जब उससे पूछताछ की गई है. तो उसके द्वारा यह बताया गया है कि कुछ रूपये उसने अपने बैंक खाते से निकाले थे और कुछ परिवार के लोगो से उधार लिए थे. इन रुपयों को किसी बिजनेस में उपयोग करने की योजना बना रखी थी.


इसके अलावा आरोपियों में से एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि राईस मिलर विनीत गुप्ता से घटना के कुछ दिनो पहले से वह मिलकर उसे विश्वास में ले रखा था. एक बिजनेस में निवेश करके ज्यादा पैसे कमाने का लालच दे रखा था. राईस मिलर के पास जब रकम पूरे हो गए थे. तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ईडी के फर्जी अधिकारी बनकर आए. और उसे लूट कर चले गए.


दो करोड़ रुपये कैश लेकर लुटेरे हुए फरार
अब आपको बताते है इस पूरी घटना के बारे में पीड़ित राईस मिलर विनीत गुप्ता ने मोहन नगर थाने में अपने साथ हुई घटना के बारे में शिकायत दी थी कि मंगलवार की दोपहर 5 अज्ञात लोग काले रंग की स्कार्पियो कार में आए और अपने आप को ईडी का अधिकारी बताकर उसके ऑफिस का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. उसके साथ डांटडपट करते रहे की तुमने बड़ी मात्रा में कैश को जमा कर रखा है. तुम टैक्स की चोरी कर रहे हो.


इसके बाद सभी ऑफिस में छानबीन करते रहे. इस बीच ऑफिस में रखे  दो करोड़ रुपयों को उसने उन लोगो के हवाले कर दिया. इसके बाद ठगों ने व्यापारी को अपने साथ अपने ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो में बैठाया और उसे महाराष्ट्र की ओर ले जाने लगे. चलती स्कॉर्पियो में ही उससे पूछताछ करने लगे. व्यापारी रास्ते भर मिन्नतें करने लगा. तब राजनांदगांव के सोमनी टोल प्लाजा के पास उसे उतार दिया गया. और महाराष्ट्र की ओर रवाना हो गए. 


इतना बड़ा कैश व्यापारी के पास कहा से आया सवालों के घेरे में
मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने अलग-अलग टीम का गठन किया. घटनास्थल के पास और राजनांदगांव के सामने टोल प्लाजा के बाद के सारे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए. अन्य पहलुओं पर जांच भी की गई. पुलिस की टीम को नागपुर मुंबई में भी भेजा गया. इसके बाद मामले में कुल सात लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेकर अब दुर्ग लाया जा रहा है.


यह भी पता लगाया जा रहा है कि राइस मिलर के पास रखे दो करोड़ रुपयों की बड़ी रकम कहीं हवाला का तो पैसा नहीं है. दुर्ग जिले में ईडी का अधिकारी बताकर दिन दहाड़े दो करोड़ रुपये की नगदी रकम को ठगने का यह पहला बड़ा मामला है, जिसमें बकायदा फर्जी आईडी कार्ड का भी इस्तेमाल किया गया है. 


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