छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार के एक अजीब सी परिस्थिति पैदा हो गई. अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों पुलिस परिवार यहां प्रदर्शन के लिए पहुंच गए. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने ही प्रदर्शन कर रहे परिवारों को रोका. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस ने की बीच नोक-झोंक भी हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया.


दरअसल, ये परिवार के लोग सहायक आरक्षक के प्रमोशन और वेतन विसंगतियां में सुधार की मांग के लिए नवा रायपुर में पुलिस हेडक्वार्टर का घेराव करने जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस बल ने परिजनों को रास्ते में रोक दिया. इस दौरान पुलिसकर्मियों और पुलिस परिजनों के बीच नोक-झोंक भी हुई. पुलिस बल ने सभी को नवा रायपुर से गिरफ्तार कर रायपुर शहर के मैदान में अस्थाई जेल बनाकर बंद कर दिया.


पुलिस पर मारपीट का आरोप
बीजापुर से आई महिलाओं ने पुलिस पर अनुशासन नहीं बरतने का आरोप लगाया है. आरोप है कि हंगामे के दौरान पुरुष पुलिसकर्मियों ने मारपीट की है. इसके अलावा ज्ञापन भी नहीं देने दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोई वादा पूरा नहीं हुआ है. पांच साल सेवा देने के बाद प्रमोशन होना था वो भी नहीं दिया गया. रिटायरमेंट होने पर भी कुछ नहीं दिया जाता.


पुलिस परिवार में शामिल उज्ज्वल दीवान ने बताया कि प्रदर्शन में प्रदेशभर से पुलिस परिवार आए हुए थे. इसमें सशस्त्र बल पुलिस परिवार, नगर सेना परिवार, सहायक आरक्षक परिवार, जेल प्रहरी और गोपनीय सैनिक परिवार हैं. नगर सेना पुलिस के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2016 में लिख कर दिया था सरकार बनने के बाद वेतन बढ़ाया जाएगा और 29 हजार 500 इनको वेतन दिया जाएगा, तीन साल बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. 


उन्होंने कहा कि सरकार हमारे लोगों का भला क्यों नहीं करना चाहती है. अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो जिन नेताओं ने आश्वासन दिया था उनके घरों का भी घेराव करेंगे. वही, रायपुर एएसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि घेराव की अनुमति नहीं है, इसीलिए प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई है.


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