Chhattisgarh News: बस्तर में बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, 2 सप्ताह पहले ही किसानों को मूसलाधार बारिश से राहत मिली थी, लेकिन एक बार फिर पिछले 4 दिनों से दोपहर बाद मौसम में आ रहे बदलाव और झमाझम बारिश से बस्तर के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
जिले के सैकड़ों किसान जिन्होंने अपने खेतों में अलग-अलग सब्जियों की फसल उगाई थी वह बारिश की वजह से पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं, जिसका असर जिले के सब्जी मंडियों में भी देखने को मिल रहा है. फसल खराब होने की वजह से हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं किसानों ने सरकार से उनके खराब हुए फसलों खेतों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है.
किसानों को लाखों का हुआ नुकसान
दरअसल, बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का असर बस्तर में भी देखने को मिल रहा है, दोपहर में तेज धूप और उमस के बाद शाम होते ही मौसम में तेजी से बदलाव के साथ झमाझम बारिश हो रही है. पिछले 4 दिनों से बस्तर जिले में शाम होते ही बारिश से एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ किसानों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. खासकर बस्तर जिले के बकावंड, बस्तर और तोकापाल के अलावा दरभा, लोहंडीगुड़ा और जगदलपुर ब्लॉक में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बेमौसम बारिश की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
इन सब्जियों पर पड़ा है असर.
बेमौसम बारिश के कारण जिले में करीब 100 हेक्टेयर यानी करीब 150 एकड़ से ज्यादा सब्जियों की फसल खराब हो गई है. जिसमें लौकी, बैंगन, भिंडी, करेला, कुंदरू, तरबूज, आम, बरबट्टी, फूलगोभी, हरी मिर्ची, पपीता के फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों ने बताया कि जनवरी माह से अभी तक इस साल में सब्जी उत्पादक किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. केवल ओला और बारिश के चलते ही करीब 20 से 30 लाख रुपये का नुकसान बस्तर के किसानों को हुआ है.
किसानों को मुआवजे का आश्वासन.
वहीं बस्तर जिला पंचायत के सीईओ प्रकाश कुमार सर्वे का कहना है कि बारिश की वजह से किसानों के सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है. इसके लिए कृषि और उद्यानिकी विभाग की एक टीम बनाकर किसानों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा और जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
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