कवासी लखमा पर FIR दर्ज होने के बाद सियासत गर्म, कांग्रेस बोली- BJP के दबाव में कार्रवाई...
Lok Sabha Election 2024: पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कवासी लखमा और जिला अध्यक्ष पर प्रशासन की कार्रवाई को गलत ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि समाचार पत्रों में छपी खबर के आधार पर मामला दर्ज हुआ.
FIR Against Kawasi Lakhma: बस्तर से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा और जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज होने के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मचा हुआ है. कवासी लखमा ने बीजेपी के दबाव में प्रशासन पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि मामले में पहले जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से नोटिस भेजा जाना चाहिए था, लेकिन सीधे एफआईआर दर्ज कर दिया गया. उन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध जताया.
कांग्रेस प्रत्याशी और जिला अध्यक्ष पर FIR
लखमा ने कहा कि हार के डर से बीजेपी बौखला गयी है. इस वजह से बीजेपी के नेता प्रशासन पर दबाव डालकर गलत कार्रवाई करवा रहे हैं. बता दें कि बीजेपी नेता कवासी लखमा पर आचार संहिता के दौरान जनता को खुलेआम नोट बांटने का आरोप लगा रहे हैं. जगदलपुर में रविवार को कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा की तरफ से 500- 500 नोट बांटने का वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
चुनाव के बीच छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल
जिला निर्वाचन अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा और जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य पर आचार संहिता उल्लंघन मामले का मुकदमा दर्ज कराया. बीजेपी ने भी चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही थी. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के ने कवासी लखमा के नोट बांटने को प्रलोभन की श्रेणी में मानते हुए मुकदमा दर्ज कराया. एफआईआर दर्ज होने के बाद अब सियासी बवाल मचा हुआ है.
बस्तर सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैं 6 बार चुनाव लड़ चुका हूं. एक बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ा है. आज तक चुनाव के दौरान मुझ पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. लखमा ने कहा कि मैंने होलिका दहन समिति को चंदा के रूप में पैसे दिए. हिंदू रीति रिवाज में नारियल और दक्षिणा देने की परंपरा है.
बीजेपी के दबाव में कार्रवाई-कवासी लखमा
उन्होंने कहा कि मामले को जानबूझकर आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया. प्रशासन ने बीजेपी नेताओं के दबाव में मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की है. कवासी लखमा ने कहा कि गंभीर मामलों में भी पहले नोटिस दी जाती है. नोटिस का जवाब देने के लिए समय भी दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पहली बार जिला निर्वाचन अधिकारी ने सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में आकर कार्रवाई की. कवासी लखमा ने कहा कि प्रशासन दबाव में आकर गलत कार्रवाई करेगा तो कांग्रेस सड़क पर उतरने को मजबूर होगी.
कांग्रेस कार्यकर्ता रैली और धरना प्रदर्शन कर कार्रवाई का विरोध करेंगे. लखमा ने कहा कि बस्तर से लोकसभा का टिकट मिलने के बाद बीजेपी डरी सहमी हुई है. इस वजह से गलत नियमों के तहत कार्यवाही करा रही है. बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप का कहना है कि कवासी लखमा खुलेआम नोट बांटते दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी का कृत्य प्रलोभन की श्रेणी में आता है. ऐसे में प्रशासन की कार्यवाही सही है. उन्होंने कवासी लखमा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने भी प्रशासन की कार्रवाई को गलत ठहराया है. दीपक बैज का कहना है कि समाचार पत्रों में छपी खबर के आधार पर प्रशासन ने कार्यवाही की है. नियम के मुताबिक पहले मामले की जांच पड़ताल की जानी चाहिए थी. कार्यवाही से पहले प्रत्याशी को नोटिस दिये जाने का प्रावधान है.
अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया और सीधे मुकदमा दर्ज करा दिया. इस तरह की कार्रवाई प्रशासनिक दबाव में हो रही है. दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी को बस्तर में हार का डर सता रहा है. इसलिए घबराई हुई है. बिना जांच पड़ताल के प्रत्याशी पर एफआईआर दर्ज करा रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यवाही से कांग्रेस डरने वाली नहीं है. चुनाव में बीजेपी को बस्तर की जतना सबक सिखाएगी.
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