Chhattisgarh News: आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी कर रहे थे 5 बड़े अस्पताल, राज्य सरकार ने लिया बड़ा एक्शन!
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पंजीकृत निजी अस्पतालों में कुछ गड़बड़ियां पाई गईं. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के ऐसे 5 अस्पतालों पर एक्शन लिया है.
Chhattisgarh News: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों का ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से इलाज लेने वाले मरीजों का ऑडिट किया जाता है. ऑडिट के दौरान पिछले दिनों कुछ अनुबंधित निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां पाई गई थीं. स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर और बिलासपुर के ऐसे पांच अस्पतालों के खिलाफ सस्पेंड और जुर्माना की कार्रवाई की है.
इन 5 बड़े अस्पतालों पर हुई कार्रवाई
स्वास्थ्य सेवाएं-सह-मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के राज्य नोडल एजेंसी रायपुर ने ऑडिट में गड़बड़ी पाए जाने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं. नवापारा रायपुर के अंजलि नर्सिंग होम, माहेर हॉस्पिटल और शाह नर्सिंग होम, बिलासपुर के श्रीबालाजी हॉस्पिटल और रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
अस्पतालों को किया सस्पेंड और लगाया जुर्माना
स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर के श्रीबालाजी हॉस्पिटल को एक साल के लिए निलंबित किया है. नवापारा रायपुर के अंजलि नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख रूपए के अर्थदण्ड और एक साल के निलंबन, माहेर हॉस्पिटल के खिलाफ पांच लाख रूपए के अर्थदण्ड और एक साल के लिए निलंबन और शाह नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख रूपए के अर्थदण्ड और एक साल के निलंबन की कार्रवाई की गई है. रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत उपचारित मरीजों से अतिरिक्त राशि लिए जाने के मामले में छह लाख 16 हजार 834 रूपए का अर्थदण्ड लगाया गया है. साथ ही इतनी ही राशि संबंधित मरीजों को वापस दिलाई गई है.
टोल-फ्री नंबर पर कर सकते हैं शिकायत
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में इलाज में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मरीज या उसके परिजन सीधे टोल-फ्री नंबर 104 या 14555 में शिकायत कर सकते हैं. शिकायत के आधार पर तुरंत कार्यवाही की जाती है. साथ ही उपचारित मरीजों का ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध डेटा का ऑडिट भी लगातार संबंधित डॉक्टर करते हैं. गड़बड़ी पाए जाने पर राज्य नोडल एजेंसी समय-समय पर कार्यवाही करती है ताकि मरीजों को निःशुल्क और समुचित उपचार मिल सके.
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