Chhattisgarh News: छतीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बिश्रामपुर नगर में ज्यादातर मिठाई दुकानों में मानकों की अनदेखी की जा रही है. जिसकी वजह से मिलावट का बाजार भी तेजी से फल-फूल रहा है. बिश्रामपुर नगर में दुकानों में मिलावटी, पनीर, दूध, दही खोवा धड़ल्ले से बिक रहा हैं. इसके बावजूद फूड विभाग के जिम्मेदार अफसर इन दुकानों में झांकने तक नहीं आते हैं. जिससे इन दुकानदारों के हौंसले बुलंद है.
हालांकि पिछले कुछ माह पूर्व खाद्य विभाग की टीमों ने इन दुकानों में दबिश देकर सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा था. लेकिन विभाग की तरफ से आज किसी किसी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. जिससे यह पता लग सके कि किन-किन दुकानों में मिलावटी सामनों का बिक्री हो रही है. वहीं लोग स्थानीय लोग रिपोर्ट सार्वजनिक न करने पर दुकानदारों पर मोटी रकम लेने का आरोप लगा रहे हैं.
सूरजपुर जिले के सीमावर्ती इलाको में हुई थी छापेमारी
बता दें कि बाजार में स्वीट्स की दुकानों और दूध डेयरी व दूध बेचने वालों पर जिले के फूड सेफ्टी टेस्ट प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रो में किया जा रहा है. अभी कुछ महीने पहले ही जिले में बाहर से आने वाले नकली खोवे, पनीर, एवं दूध की छापेमारी की कार्रवाई सूरजपुर जिले के सीमावर्ती इलाको में की गई थी, जिसका सैंपल लेबोरेटरी में भी भेजा गया था पर नतीजा कुछ नही निकला.
फूड एंड सेफ्टी विभाग के अधिकारी ने चर्चा के दौरान बताया कि लोगों मे जागरूकता लाने के लिए हम लगातार विधिवत टेस्ट कर के सैंपल लेबोरेटरी में भेजते है, जो लोग नकली खाद्य सामग्री बेच रहे है. उन पर लगातार कार्रवाई भी कर रहे है. कुछ महीने पहले बिश्रामपुर में स्वीट्स की दुकानों पर और कई डेयरी पर भी छापेमारी की गई थी.
इस नंबर पर दर्ज करवा सकते हैं शिकायत
वहीं फूड एंड सेफ्टी विभाग के अधिकारी ने बताया कि लोगों को शिकायतों दर्ज करवाने के लिए टोल फ्री नंबर 9340597097 जारी किया गया है. इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री से जुड़ी शिकायत दर्ज करवा सकता है. जिसके बाद विभाग की तरफ से तुरन्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर नितेश मिश्रा ने इपने दायित्वों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वर्तमान में वे सूरजपुर व बलरामपुर जिले के प्रभार पर हैं, जिसके कारण उन्हें तीन दिन सूरजपुर व तीन दिन बलरामपुर जिले में रहना पड़ता है.
समय का अभाव होने के कारण वे पूरे जिले में संचालित होटल, डेयरी सहित अन्य प्रतिष्ठानों तक नहीं पहुंच सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत मिलने पर उनके द्वारा संबंधित प्रतिष्ठानों में छापेमारी की जाती है.
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