Chhattisgarh Fire in Forest: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जंगलों की आग (Fire) बुझाने वाले वनकर्मी पिछले 9 दिनों से हड़ताल (Strike) पर है. राज्य के जंगलों से आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है. इसमें सर्वाधिक बस्तर (Bastar) और सरगुजा (Surguja) संभाग के जंगलों में आग लगने की सूचना मिली है. बताया जा रहा है कि हजारों स्पॉट में आग लगने के लोकेशन मिल रहे है. इससे वन्य जीव और वन संपदा को काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
हड़ताल पर हैं आग बुझाने वाले वनकर्मी
दरअसल, राज्य के 12 से 15 हजार वनगर्मी 21 मार्च से अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इससे जंगलों की आग बुझाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं. वनकर्मी बता रहे हैं कि राज्य में करीब 7 हजार स्पॉट पर छोटी बड़ी आग लगी है. इससे जंगल में रहने वाले छोटे बड़े जानवरों को काफी नुकसान होगा. इसमें खरगोश, हिरण और अन्य जंगली जानवरों के प्राण संकट में हैं. आग में झुलसने से कई जंगली जानवरों की मौत हो जाती है. इसके अलावा आग से जगलों में वन्य प्राणियों के भोजना भी जलकर खाक हो जाते हैं. कई बार जानवर तो आग से बच जाते हैं लेकिन बाद ने भूख से उनकी मौत हो जाती है.
करोड़ों रुपए का नुकसान
गर्मियों में लघु वनोपज कलेक्शन काम तेजी से चलता है. वनवासी जंगलों में महुआ, हर्रा, बेहरा, तेंदू पत्ता और औषधीय जड़ी बूटी बीनने के लिए जंगल में जाते है. इस बार गर्मी शुरू होते है जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे करोड़ों रुपए का एक दिन में नुकसान हो सकता है. राज्य सरकार लघु वनोपज का समर्थन मूल्य में खरीदी करती है. वनवासियों के जीवन का आधार भी यही वनोपज है, ऐसे इसे सुरक्षित रखना आवश्यक हो जाता है.
वन मंत्री ने कहा अधिकांश मांगें जायज
वनकर्मियों के हड़ताल और जंगली में लगी आग के बाद वन मंत्र मोहम्मद अकबर ने वनकर्मियों के प्रतिनिधि मंडल के साथ मंगलवार को बैठक की है. रायपुर में हुई बैठक में वन मंत्री ने वन कर्मियों के मांगों को जायज ठहराया है और अधिकांश मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. लेकिन वन कर्मियों का कहना है कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वनकर्मी भूपेंद्र यादव ने बताया कि बैठक में 12 में से 10 मांगों मान ली गई हैं लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने के कारण हड़ताल जारी है.
इन इलाकों में सबसे ज्यादा लगती है आग
वनकर्मियों ने बताया कि गर्मियों के दिन शुरू होने के बाद पेड़ो में घर्षण और मानवीय भूल के कारण जंगलों में आग लग जाती है. कई बार लघु वनोपज के संग्रहण के लिए गए वनवासी पेड़ के नीचे पत्ते को साफ करते हैं, उसमें आग लगा देते हैं जिसके कारण भी आग पूरे जंगल में फैल जाती है. सबसे ज्यादा बस्तर और सरगुजा संभाग में आग लगती है. इसके अलावा बिलासपुर वन मंडल के गौरेला पेंड्रा मरवाही, दुर्ग के कवर्धा, बालोद, रायपुर संभाग के गरियाबंद, धमतरी और बलौदा बाजार जिले के जंगलों में आग लगती है. आग लगने की सूचना सैटेलाइट मैप के माध्यम से, फील्ड कर्मी और ग्रामीणों से मिलती है.
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