Forest Wonder Land Built In Nandini: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नंदिनी (Nandini) माईन्स क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित जंगल अब बहुत जल्द फॉरेस्ट वंडरलैंड (Forest Wonder Land) बनने जा रहा है. इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल (Man made Forest) में एडवेंचर पार्क भी बनाया जाएगा. 


इससे शहर के बीचोबीच लोगों को जंगल के एडवेंचर जैसा माहौल मिलेगा. और दूर-दूर से पर्यटक एशिया के इस सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल को देखने आएंगे. इसकी तैयारी दुर्ग जिला प्रशासन ने जोरों से शुरू कर दी है.


सरकार के पास भेजा गया प्रस्ताव


भिलाई स्टील प्लांट के नंदिनी माईन्स क्षेत्र में पहले किए गए वृक्षारोपणों और खनन की वजह से वहां छोटे वनक्षेत्र और तालाब विकसित हो गए हैं. इस क्षेत्र को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित वन के रूप में घोषित किया गया है. दुर्ग वनमंडल द्वारा नंदिनी माईन्स क्षेत्र को फॉरेस्ट वंडरलैंड के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए 3.83 करोड़ रूपये का प्राक्कलन प्रस्ताव तैयार कर शासन के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है.



 


शहर के पास जंगल जैसा मिलेगा माहौल


इस एडवेंचर पार्क में पारासेलिंग, क्वाडबाईकिंग, जिपलाईनिंग, हॉट एयर बैलून, बोटिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग, स्टार गेजिंग के साथ- साथ बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की एडवेंचर एक्टिविटी के साधन भी उपलब्ध होंगे. यहां आकर पर्यटक कई अलग- अलग एक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं. नंदिनी क्षेत्र दुर्ग शहर से 15 किमी की दूरी पर स्थित है. यह स्थल कान्हा-किसली उद्यान जाने वाले रास्ते में स्थित है. इसलिए वहां जाने वाले पर्यटक भी रास्ते में नंदिनी फॉरेस्ट वंडरलैंड का भी आनंद ले सकते हैं.
  
इस जंगल मे अधिकतर पेड़ फलदार


भिलाई स्टील प्लांट ने नंदिनी के इस एरिया के 500 एकड़ में उत्खनन किया है. सर्वे के मुताबिक यहां 400 एकड़ क्षेत्रफल में पेड़ लगे हुए हैं, जो फुल साइज में हैं. जिसमें सागौन, और आंवला प्रजाति के पेड़ सर्वाधिक हैं. इस जंगल की खास बात यह है कि यहां अधिकतर पेड़ फलदार हैं. अब यहां जंगल बनाने के लिए बचे हुए खाली एरिया में वनविभाग द्वारा 7 हजार नए पेड़ लगाए जा रहे हैं. इस तरह यहां पूरा वनांचल क्षेत्र बन जाएगा. इससे हरियाली भी बढ़ेगी.


17 किलोमीटर में फैला है यह जंगल


करीब 1300 एकड़ में इस जंगल विकसित किया जा रहा है. 17 किलोमीटर के सर्कल में बनने वाले इस जंगल के बीचों-बीच एक झील होगी. इसके अलावा लोमड़ी, खरगोश, अजगर सहित अन्य जानवर भी यहां रखे जाएंगे. इतना ही नहीं यहां 10 हजार से ज्यादा साल, सागौन, औषधियुक्त शतावर, अश्वगंधा, बर , पीपल, बरगद, महुआ, हर्रा और बहेरा जैसे पौधे रोपे जाएंगे. इसके जरिए इस पूरे क्षेत्र को आकर्षक जंगल का रूप दिया जाएगा.


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