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Chhattisgarh News: महुआ खरीदी में करोड़ों की धांधली! वन विभाग के कर्मचारियों पर लगाए गए आरोप, ऐसे हुआ मामला उजागर
Chhattisgarh Mahua purchase: बीजापुर में इस तरह का मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने 5 वनोपज समिति के प्रबंधकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया लेकिन दूसरे जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया है.
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Fraud In Mahua purchase In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पाए जाने वाले वनोपज में सरकार द्वारा सरकारी समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के बाद वनोपज खरीदी में धांधली करने के मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल वन विभाग ने ग्रामीणों से वनोपज खरीदी करने के लिए एक सहकारी समिति का गठन किया है, जिसकी जिम्मेदारी है कि आदिवासी ग्रामीणों से सीधे उनसे उचित मूल्य में वनोपज की खरीदी करें. लेकिन वे बाहरी और स्थानीय व्यापारियों से सांठगांठ कर पैसों के लालच में घटिया माल खरीद कर ग्रामीणों के नाम पर सरकारी गोदामों में जमा कर रहे हैं.
बीजापुर में इस तरह का मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने 5 वनोपज समिति के प्रबंधकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, लेकिन बस्तर संभाग के अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आने की बात ग्रामीण कह रहे है और जिसको लेकर वनोपज में आश्रित रहने वाले ग्रामीण जांच की मांग कर रहे हैं. दरअसल बर्खास्त पांचों प्रबंधक ग्रामीणों से समर्थन मूल्य में महुआ खरीदी करने के नाम पर स्थानीय और बाहरी व्यापारियों से खराब महुआ खरीद रहे थे, ग्रामीणों से जानकारी मिलने के बाद विभागीय जांच कर इन पांचों प्रबंधकों पर कार्यवाही करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
'सवा करोड़ रुपये का किया घोटाला'
बस्तर वन मंडल के सीसीएफ मोहम्मद शाहिद ने बताया कि बस्तर संभाग वनवृत्त के अंतर्गत बीजापुर जिले में प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों में ग्रामीणों से समर्थन मूल्य में महुआ खरीदी की जा रही थी. वन विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलो में लगाई गई जन चौपाल के दौरान महिलाओं ने शिकायत की थी कि उनके द्वारा संग्रहण किये गए महुआ फूल को स्थानीय वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा खरीदी नहीं की जा रही हैं.
शिकायत की जांच पर पाया गया कि सहकारी समितियों के प्रबंधक व्यापारियों से सांठगांठ कर घटिया माल खरीद कर सरकारी गोदाम में जमा कर रहे हैं. बीजापुर के इन 5 प्रबंधकों ने करीब सवा करोड़ रुपए की इस तरह से हेरफेर की, और जमकर पैसों का बंदरबांट किया, जिसके बाद इसकी विभागीय जांच की गई और आखिरकार जांच के बाद दोषी पाए जाने पर पांचों सहकारी समिति के प्रबंधकों पर उनकी सेवा समाप्त करने की कार्यवाही की गयी है.
संभाग के अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले आ रहे सामने
सीसीएफ मोहम्मद शाहिद ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ग्रामीणों से सीधे संवाद का असर दिखाई देने लगा है. कई गंभीर अनियमितताएं है जिनसे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है, ऐसी चीजें उजागर होने लगे हैं.
बीजापुर जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर सरकार की वनोपज खरीदी नीति के जरिए ग्रामीणों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजना में धांधली कर रहे प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, हालांकि ऐसे ही कई मामले सरकारी समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद वनोपज खरीदी से जुड़े अलग-अलग जिलों में आ रहे हैं, फिलहाल अधिकारियों का दावा है कि सभी पर नजर रखी जा रही है और शिकायत मिलने पर जरूर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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