Ambikapur Latest News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर के कचरा प्रबंधन केंद्र में नए-नए संसाधनों के कारण स्वच्छता दीदियों का काम आसान होने लगा है. घर-घर कचरा संग्रहण के बाद रिक्शा व आटो टीपर से सेंटर में कचरा ले जाने के बाद उसे अनलोड कर तौलने में समय की बर्बादी होती थी. कचरा भी फैल जाता था. अब धर्म कांटा लग जाने के कारण बड़ी राहत मिल गई है. शहर के सभी एसएलआरएम सेंटरों में दो टन से लेकर आठ टन का मिनी धर्म कांटा लगाया गया है. छोटे धर्म कांटे में अब महिलाएं कचरा संग्रहण कर रिक्शा सहित तौल करती है और रिक्शा खाली कर अन्य काम में लग जाती है.  


इसी तरह आटो टीपर से शहर के जिस सेंटर में कचरा पहुंचता है वहां आठ टन तक का वजन एक साथ कर लिया जा रहा है. इस नई व्यवस्था से स्वच्छता दीदियों को बड़ी राहत मिली है, वहीं अब आसानी से मॉनिटरिंग भी होने लगी है. यह भी पता चल रहा है कि स्वच्छता दीदियां जिस वार्ड में कचरा संग्रहण करने जा रही हैं हर रोज जितना कचरा निकल रहा है उससे कम कचरा आया तो सभी घरों में न पहुंचने की जानकारी भी सामने आ जा रही है. नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई की पहल पर सभी केंद्रों में कचरा तौलने धर्म कांटा लगाया गया है. 


गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में नगर निगम अम्बिकापुर युद्ध स्तर से जुटा हुआ है. कचरा प्रबंधन में नवाचार के लिए भी अम्बिकापुर जाना जाता है. कचरा प्रबंधन के तहत अम्बिकापुर में स्थापित ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र एसएलआरएम में अब धर्मकांटा भी स्थापित किया गया है. एसएलआरएम सेंटर में ही कचरों की छंटाई समूह से जुड़ी स्वच्छता दीदियों द्वारा की जाती है. उसके बाद अलग-अलग प्रकार के कचरों को बेचा जाता है. इसके तौल को सुविधाजनक बनाने के लिए धर्मकांटा स्थापना का निर्णय लिया गया था. स्वच्छता प्रबंधन में नगर निगम अम्बिकापुर धीरे-धीरे आत्मनिर्भर भी हो रहा है. 


प्रतिदिन किस वार्ड से कितना कचरा, जानना हुआ आसान


एसएलआरएम सेंटरों में धर्म कांटा लग जाने से आसानी से कचरे की तौलाई हो जा रही है. इसके अलावा सबसे बड़ा लाभ यह मिला है कि किस वार्ड से प्रतिदिन कितना कचरा, कितने घरों से आ रहा है इसकी जानकारी तत्काल मिल रही है. स्वच्छता दीदियां कार्य मे थोड़ी भी ढिलाई करती हैं.  तौलाई के दौरान ही कचरा कम आने पर इसकी जानकारी मिल जाती है जिससे स्वच्छता दीदियों पर दबाव भी बनता है. निगरानी भी आसान हो गई है. इस कारण अब जिस वार्ड में स्वच्छता दीदियां निकलती हैं हर घर को कवर करने लगी हैं. 


संसाधनों से लैश हो रहा कचरा प्रबंधन केंद्र


अम्बिकापुर शहर के सभी एसएलआरएम सेंटर संसाधनों से लैस हो रहे हैं.  धीरे-धीरे यहां कचरा प्रबंधन के लिए कई उपयोगी मशीनें लगाई जा रही हैं.  इन मशीनों से कचरे को व्यवस्थित करने में परेशानी कम आ रही है.  धर्म कांटा लग जाने से सुविधा बढ़ी है. 


अम्बिकापुर नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई ने बताया कि एसएलआरएम सेंटर में धर्म कांटा लगाने से स्वच्छता दीदियों का काम निश्चित रूप से आसान हुआ है.  सेंटरों को हम संसाधनों से लैश कर रहे हैं.  पहले कचरा लाने के बाद उसकी तौलाई में काफी परेशानी आती थी. अब आसानी से चंद मिनट में तो तौलाई हो जा रही है.  इससे निगरानी भी आसान हो गई है और किस वार्ड से कितना कचरा आता है इसकी जानकारी भी तत्काल मिल जा रही है.  आने वाले दिनों मैं और भी संसाधन कचरा प्रबंधन केंद्रों में विकसित होंगे. 


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