(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: गरियाबंद में बैलगाड़ी से निकली बारात, बीजेपी सांसद चुन्नी लाल साहू ने हांका बैल
Gariaband: बीजेपी सांसद चुन्नी लाल साहू अपने कांग्रेसी दोस्त के बेटे की शादी में गरियाबंद पहुंचे थे. यहां सांसद खुद बैल हांकते हुए दिखाई दिए. इसका वीडियो अब काफी चर्चा में बना हुआ है.
Gariaband News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक अनोखी और राज्य की पारंपरिक शादी देखने को मिली है. यहां बैलगाड़ी से बारात निकाली गई है. दरअसल, गरियाबंद जिले में फूलमालाओं और गुब्बारों से सजी बैलगाडियां बारात जाने के लिए तैयार की गईं. इसी गाड़ी में दुल्हा अपनी दुल्हन को लेने गया. इसके साथ महासमुंद (Mahasamund) के बीजेपी (BJP) सांसद भी बैल गाड़ी चलाते हुए नजर आए.
बीजेपी सांसद चुन्नी लाल साहू (Chunni Lal Sahu) अपने कांग्रेसी दोस्त के बेटे की शादी में गरियाबंद पहुंचे थे. यहां सांसद खुद बैल हांकते हुए दिखाई दिए. इसका वीडियो अब काफी चर्चा में बना हुआ है. ये शादी गरियाबंद जिले कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के बेटे उमाकांत साहू की थी. टेका गांव से 3 किलोमीटर दूर कपसीडीह के लिए गुरुवार को बरात निकाली गई. इस बारात में कांग्रेस ही नहीं बीजेपी के भी नेता शामिल हुए.
13 बैल गाड़ियों में निकाली गई बारात
बड़ी संख्या में लोगों ने इस बारात में हिस्सा लिया. दूल्हा अपने ससुराल बैलगाड़ी में पहुंचा, तो आस-पास के गांव वाले इस नजारे देख कर हैरान हो गए. इसी क्षेत्र से बीजेपी के सांसद चुन्नी लाल साहू भी शादी में शामिल हुए. इंजिनियर दूल्हे ने अपनी शादी कम खर्चे और पारंपरिक तरीके से करने की इच्छा जताई थी. इसलिए बारात बैलगाड़ियों से निकाली गई. दूल्हे उमाकांत साहू ने बताया कि बारात 13 बैल गाड़ियों में निकाली गई. हमारी संस्कृति अब समाप्त होने के कगार पर है. मैं उसी संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहता हूं. आज कल बारात रात को पहुंच रही है, इसलिए हमने दिन में ही बारात निकाली.
उन्होंने कहा कि थोड़ी ही दूरी के लिए लोग बस किराया कर के जाते है. वो फिजूल खर्ची है. इसलिए मैं लोगों को बताना चाहता हूं की बैलगाड़ी में भी बारात जाया जा सकता है. 13 बैल गाड़ियों में बारात निकाली गई. वहीं शादियों में फिजूल खर्च से बचने के लिए महासमुंद से सांसद चुन्नी लाल साहू ने मीडिया से कहा कि हम लोग किसान है और किसानी हमारा धंधा है. बैलगाड़ी से तो हम अपना जीवन चलाते हैं. इसलिए बैल गाड़ी से ही बारात गए. हम एक नया संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं की फिजूल खर्ची को बचाना है. हमारी परंपरा के हिसाब से हम लोग बारात गए.
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