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Gariyaband News: गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से 78वीं मौत, दूषित पानी बन रहा वजह?
गरियाबंद में सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए जग जाहिर है. पिछले 6 साल से किडनी के मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है. शनिवार को एक और किडनी रोगी की मौत के साथ मृतकों की संख्या 78 हो गई.
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Gariyaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किडनी प्रभावितों की मौत का सिलसिला जारी है. शनिवार रात को एक और किडनी रोगी की मौत हो गई. सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए जग जाहिर है. पिछले 6 साल से किडनी के मरीजों की मौत हो रही है. शनिवार रात को पुरेन्द्र आडिल की मौत हो गई. पुरेन्द्र किडनी के रोग से पीड़ित था. गांव में किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है. किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा गांव की अबतक ना तस्वीर बदली है और ना ग्रामीणों की तकदीर. ग्रामीण आज भी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.
सुविधा नहीं मिलने से किडनी रोगी की मौत
गांव के हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं. गांव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि पुरेन्द्र आडिल को पिछले महीने एम्स लेकर गए थे. इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने डायलिसिस के लिए बोला था. किडनी की बीमारी से पीड़ित को टीबी भी थी. आडिल इलाज से पहले छुट्टी कराकर गांव आ गया. गांव आने के बाद सुविधा नहीं मिल पाई. जिला अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर डीकेएस अस्पताल रायपुर भेजा गया. रायपुर में कुछ दिन इलाज चलने के बाद शुक्रवार को वापस गांव लौटा और शनिवार को मौत हो गई. जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पुरेन्द्र आडिल ने इलाज में लापरवाही बरती. गरियाबंद के सीएमएचओ एन आर नवरत्न ने बताया कि मरीज एम्स से पूरी तरह ठीक होने के पहले छुट्टी कराकर आ गया था.
सुपेबेड़ा में दूषित पानी की समस्या बरकरार
बहुत समझाने के बाद फिर डीकेएस अस्पताल रायपुर भेजा गया लेकिन वहां से भी वापस आ गया. सुपेबेड़ा में काफी समय से दूषित पानी की समस्या बरकरार है. दूषित पानी पीकर लोग बीमार पड़ रहे हैं. ग्रामीण जालंधर मसरा ने कहा कि पास के तेल नदी से पानी देने की घोषणा हुई थी लेकिन आज तक तेल नदी का पानी नहीं मिला. इसलिए गांववाले दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. समस्या का समाधान शुद्ध पेयजल ही है. तेल नदी से पानी लाने के सवाल पर पीएचई विभाग का जवाब है कि 6 महीने में काम पूरा हो जाएगा. जिला पीएचई विभाग के अधिकारी पीएस कतलम ने बताया कि सुपेबेड़ा में साफ पानी के लिए प्लांट लगाया जा रहा है. काम प्रगति पर है और 6 महीने में पूरा होने के बाद ग्रामीणों को शुद्ध पानी मिल जाएगा.
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