Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के धोबहर गांव में स्वास्थ्य केंद्र परिसर में एक युवती का शव पेड़ पर लटका हुआ मिला था. इस मामले को लेकर मृतिका की मां ने अपने अधिवक्ता पारसमणि श्रीवास के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. न्यायालय द्वारा केस की सुनवाई की गई. जिसमें प्रार्थीया की ओर से अधिवक्ता पारसमणि श्रीवास द्वारा केस के संबंध में अपनी दलील रखी गई. जिस पर न्यायालय ने हाईकोर्ट के महाअधिवक्ता को मृतिका और प्रार्थिया के शिकायत/आवेदन पर पुलिस और जिला प्रशासन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही द्वारा किए गए कार्यवाही की जानकारी 7 दिवस के भीतर न्यायालय को लिखित में अवगत कराने को कहा गया है.


पेड़ पर लटका मिला था शव


दरअसल, जिले के मरवाही थाना अंतर्गत धोबहर गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में 13 मार्च को एक पेड़ पर युवती का शव फांसी पर लटका मिला था. जानकारी के अनुसार वो स्वास्थ्य केंद्र के ड्रेसर रूपेन्द्र भदौरिया के खिलाफ 11 मार्च को पेंड्रा थाना में छेड़खानी की रिपोर्ट लिखवाने गई थी लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी. जबकि ससुराल पक्ष की रिपोर्ट पर उसी दिन युवती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई. इसके एक दिन बाद युवती का शव स्वास्थ्य केंद्र परिसर में लगे एक पेड़ पर लटका मिला. 


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दर्ज किया गया केस


जानकारी के अनुसार युवती का अस्पताल के ही एक स्टाफ अमित ध्रुव से प्रेम-प्रसंग था. जिसके बाद वो बतौर उसकी पत्नी रहने लगी थी. इसी बीच स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर रूपेन्द्र भदौरिया युवती के साथ छेड़छाड़ करता था. जिसकी शिकायत को लेकर 11 मार्च 2022 की सुबह युवती अपनी मां के साथ पेंड्रा थाना पहुंच गई. दोपहर के तीन बजे तक मामले की रिपोर्ट पेंड्रा पुलिस के द्वारा नहीं लिखी गई, लेकिन उसी दिन ससुराल पक्ष की शिकायत पर पीड़िता युवती के ऊपर 294, 323, 506 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया.


संदिग्ध अवस्था में मिला था शव


पीड़िता फिर भी हार नहीं मानी और दूसरे दिन 12 मार्च 2022 को अपनी मां के साथ जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने गौरेला पहुंची, लेकिन शनिवार (अवकाश) होने के कारण बैरंग वापस लौट गई. वापस लौटने के बाद युवती की सास उसे अपने साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित निवास पर ले गई. जिसके बाद रविवार की सुबह युवती का शव संदिग्ध अवस्था में पेड़ पर लटका मिला. 


लापरवाही बरतने का आरोप


इधर मृतिका की मां ने इस मौत को आत्महत्या की बजाए हत्या मानकर अपने वकील पारसमणि श्रीवास के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए तथाकथित पति अमित ध्रुव, उसके दीदी-जीजा, ड्रेसर रूपेन्द्र भदौरिया और उसके बेटे विक्रम भदौरिया, धोबहर गांव के सरपंच ध्यान सिंह पोर्ते के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है. याचिका में मृतिका के पोस्टमार्टम में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया गया है.


हाईकोर्ट ने मांगी जानकारी


धोबहर गांव के सरपंच ध्यान सिंह पोर्ते पर आरोप है कि उसने 20 हजार रुपये का लालच देते हुए एफआईआर नहीं करने और समझौता करने का दबाव मृतिका पर बनाया था. हालांकि इस प्रकरण में एफआईआर नहीं लिखने पर बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी ने तत्कालीन थाना प्रभारी प्रवीण द्विवेदी को निलंबित कर दिया था. वहीं हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी 7 दिन के भीतर लिखित में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से मांगी है.


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