Gaurela Pendra Marwahi: पवटवारी ने वन की जमीन को अपने सहायकों के नाम कराकर, बैंक से दिलाया लोन, सस्पेंड
Chhattisgarh: गैरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने बताया कि इस मामले की शिकायत मे जांच कराई गई है. बड़े झाड़ और छोटे झाड़ के जंगल की जमीन का मामला है.
Gaurela Pendra Marwahi News: गोरेला पेंड्रा मरवाही (Gaurela Pendra Marwahi) जिले में जमीन फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है. मामले में एक पटवारी ने अपने कथित सहयोगी के नाम कई एकड़ शासकीय जमीन दर्ज करवा दी है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद जिले की कलेक्टर ने आरोपी पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पटवारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ कानूनी कार्रवाई भी संभव है.
पूरा मामला गोरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा रोड तहसील का है. पेंड्रा रोड तहसील में आने वाले कोटखर्रा, मेढुका, पिपरिया, पडखुरी और खन्ता के हल्का नंबर 1, 2 और हल्का नंबर 19 की वन की जमीन पर फर्जीवाड़े का खेल किया गया है. दरअसल यहां पदस्थ पटवारी रवि जोगी कुजुर , पिपरिया निवासी अपने कथित सहायक तोमर प्रसाद और एक दूसरे सहायक पर इतना ज्यादा फिदा हो गया था कि उसने कूट रचना और फर्जीवाडा करते हुए कई एकड़ वन की जमीन को अपने सहायकों के नाम करा दी थी.
सरकारी जमीन पर लोन
जिस वन की जमीन को निजी स्वामित्व में दर्ज कराया गया है. वो जमीन सेटलमेंट के रिकार्ड में बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है. इतना बड़ा अपराध करने वाले पटवारी रवि जोगी कुजुर इतना बेखौफ था कि उसने पहले तो वन की जमीन को अपने सहायकों के नाम करा दी. बाद में बिना डरे उसमें उस जमीन पर फर्जी तरीके से बैंक से लोन भी दिलवा दिया. अब इस पूरे मामले की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी अलग अलग हो चुका है. मामले के जांच प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत की पुष्टि हो चुकी है. पर इतने बड़े मामले के उजागर होने के बाद पटवारी पर अभी तक केवल निलंबन की गाज गिरी है.
अब देखना है कि क्या इस अपराध पर प्रशासन की ओर से पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है या नहीं. गैरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने बताया कि इस मामले की शिकायत मे जांच कराई गई है. बड़े झाड़ और छोटे झाड़ के जंगल की जमीन का मामला है. मामले में पटवारी का सस्पेंड कर दिया गया है. इसके बाद विभागीय कार्यवाई की जाएगी. पटवारी को भी पक्ष रखने का मौक़ा दिया जाएगा. उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.