Bastar: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले बस्तर (Bastar) में धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ है. आए दिन धर्मांतरण को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ अब राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के भी बयान सामने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brij Mohan Aggarwal) के ने आरोप लगाया कि बस्तर में भूपेश सरकार के आश्रय में लगातार धर्मांतरण हो रहे हैं. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, भूपेश सरकार में बस्तर में एक भी धर्मांतरण नहीं हुआ है.
कवासी लखमा ने कहा यदि धर्मांतरण हुआ है तो बीजेपी इसे साबित करे और अगर साबित हो गया तो, मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा. इस बयान के बाद बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के नेता भी मंत्री कवासी लखमा के साथ- साथ कांग्रेस सरकार को घेर रहे हैं. इसी दौरान अपने एक दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कवासी लखमा के इस बयान पर पलटवार किया है.
धर्मांतरण का हेड ऑफिस बना बस्तर- गिरिराज सिंह
बस्तर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिजराज सिंह ने कवासी लखमा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भूपेश बघेल की सरकार डपोसनखो की सरकार है. वे छत्तीसगढ़ में चुनाव उग्रवादियों के सहारे लड़ रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य धर्मांतरण का केंद्र बिंदु बना हुआ है और बस्तर इसका हेड ऑफिस बन गया है.
कांग्रेस भगवान राम के सहारे कर रही राजनीति- गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस कभी भगवान राम को नहीं स्वीकारती और रामसेतु को लेकर उटपटांग बयानबाजी करती थी. आज वही कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भगवान राम के सहारे राजनीति कर रही है, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को कंस बताया है. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने वाला है.
बस्तर में धर्मांतरण होगा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
गौरतलब है कि बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा काफी दिनों से छाया हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस के नेता बस्तर संभाग के साथ पूरे छत्तीसगढ़ में एक भी धर्मांतरण का मामला नहीं होने की बात कह रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ बीजेपी बस्तर में हजारों आदिवासियों के द्वारा अपने मूल धर्म को छोड़कर क्रिश्चियन धर्म को अपनाने का दावा कर रहे हैं. बीजेपी इस धर्मांतरण के प्रदेश की भूपेल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में धर्मांतरण अहम मुद्दा होगा, जिस पर अभी से ही दोनों पार्टी के नेताओं के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है.