गोंचा महापर्व: नेत्रोत्सव रस्म के साथ बस्तर में रथ यात्रा की तैयारी हुई शुरू, ये है मान्यता
Bastar News: बस्तर के गोंचा पर्व की तैयारी जारी है. नेत्रोस्तव के बाद 11 दिनों तक भगवान जगन्नाथ की पूजा होगी. 7 जुलाई को रथयात्रा निकलेगी. इस पर्व में देशभर से पर्यटक शामिल होते हैं.

Chhattisgarh Goncha Mahaparv: छत्तीसगढ़ के बस्तर मे जगन्नाथ पूरी के तर्ज पर मनाये जाने वाली गोंचा पर्व की तैयारी जोरो से चल रही है, पर्व की शुरूआत के पहले दिन शनिवार को भगवान जगन्नाथ का नेत्रोस्तव मनाया गया, इस रस्म के दौरान शहर के जगन्नाथ मंदिर मे आरण्यक ब्राह्मण समाज के लोगो ने भगवान जगन्नाथ की विधि विधान से पूजा अर्चना कर उनका श्रंगार किया.
इस नेत्रोत्सव रस्म के बाद अब अगले 11 दिनों तक शहर के सीरासार भवन में बनाए जाने वाले जनकपुर में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी, खास बात यह है कि बस्तर में मनाए जाने वाले गोंचा पर्व में केवल छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी पर्यटक इस पर्व के रस्मो को देखने यहां पहुंचते हैं.
धुमधाम से मनाया गया नेत्रोत्सव
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी व आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ने बताया कि प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ देव चंदनजात्रा के दौरान अत्यधिक स्नान करने के कारण बीमार हो जाते है, और भक्तों को दर्शन नही देते है, इसी दौरान भगवान का जड़ी बुटी आदि से उपचार चलता है, 15 दिनों बाद स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देते है, और भक्तों द्वारा शनिवार को नेत्रोत्सव के मौके पर भगवान का श्रृंगार कर विशेष पूजा अर्चना किया जाता है, जिसे नेत्रोत्सव कहा जाता है,
इसके अगले दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा रथ मे सवार होकर नगर भ्रमण करते हुए अपने मौसी के घर जनकपूरी पंहुचते है, नेत्रोस्तव के दूसरे दिन कल रविवार को शहर मे विशाल रथ यात्रा निकाली जायेगी.
7 जुलाई को निकलेगी रथ यात्रा
बस्तर गोंचा पर्व समिति के सदस्य ओमकार पांडे ने बताया कि पर्व की सारी तैयारियां पूरी हो गई है, शनिवार को नेत्रोत्सव पूजा विधान के बाद कल 7 जुलाई को गोंचा रथ यात्रा पूजा विधान की रस्म निभाई जाएगी,गोंचा पर्व विधान में नए रथ सहित तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहो को रथारूढ़ कर शहर में भृमण कराया जाएगा और अगले 9 दिनों तक सिरासार भवन (जनकपुरी) में भगवान के सभी विग्रहों को स्थापित किया जाएगा, जहां अद्भुत रस्मो की अदायगी करने के साथ ही देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे.
वहीं गोंचा पर्व समिति द्वारा इस साल इस पर्व को और आकर्षक बनाने की तैयारी भी की जा रही है ,बताया जा रहा है कि उड़ीसा के कलाकार भी गोंचा पर्व के दौरान अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे.
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