Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ में आज से प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले गए है. इससे राज्य के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती है. लंबे समय से अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने के बाद भी इसपर सुनवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों ने जनता से माफी मांगने हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. इसका असर आज से दिखाई दे सकता है.
सरकारी अस्पतालों इलाज के सुविधा हो सकती है प्रभावित
दरअसल छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले छत्तीसगढ़ राज्य के सभी कैडर के स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है. हड़ताल को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने बताया कि हड़ताल को लेकर पहले ही सरकार और अधिकारीयों को सूचना दी गई है. संघ ने इस दौरान अधिकारियों से अपनी मांगे भी रखी गई लेकिन सहमति नहीं बनी तो 4 जुलाई को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष आलोक मिश्रा ने कहा है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, डीकेएस अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल, समस्त CHC, PHC और उप स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में संविदा, दैनिक वेतन अनियमित कर्मचारी इस आन्दोलन में भाग ले रहे हैं.इनकी कुल संख्या 60 हजार के आस पास बताई जा रही है.
स्वास्थ्य कर्मचारियों की क्या है सरकार से मांग
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर बताया है कि कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने समिती बनाकर वेतन सुधार का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. उसे तत्काल मंजूरी देकर लागू किया जाए. नर्सिंग ड्रेस धुलाई भत्ता, नाईट ड्यूटी भत्ता, कर्मचारी वर्दी भत्ता, सभी क्लिनिकल स्टाफ को जोखिम भत्ता और केंद्र के समान समस्त भत्ते प्रदान किया जाए. अभी की जा रही नियमित भर्तियों के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, जीवन दीप समिती, डी.एम.एफ. अंतर्गत काम करने वाले सभी संविदा और अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए.
प्रमोशन नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सरकार से मांग की है कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा स्तर पर क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूचि बनाकर पात्रों को प्रमोशन किया जाए. अस्पताल के तृतीय - चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनके जिले में 1500 वर्गफीट भूखंड आबंटित कराया जाए. समय पर समयमान वेतन और पदोन्नति का लाभ नहीं देने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए और भविष्य में उन्हें खाली पद के लिए भी अयोग्य घोषित किया जाए. वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने ये भी मांग रखी है कि स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर, नर्सिंग सिस्टर का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, रेडियोग्राफर का पदनाम रेडियोलॉजी ऑफिसर, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन का पदनाम रेडियोथेरेपी ऑफिसर, डार्क रूम असिस्टेंट का पदनाम सहायक रेडियोलॉजि ऑफिसर, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 का पदनाम फार्मेसी ऑफिसर, ड्रेसर का ओर्थोपेडिक टेक्निशियन करने की भी मांग सरकार के सामने रखी है.
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