Chhattisgarh News: बस्तर से पलायन रोकने सरकार हो रही नाकाम, काम की तलाश में दूसरे राज्य गए सैकड़ों ग्रामीण
बस्तर में रोजगार की तलाश में ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार के लाख दावों के बीच हर रोज सैकड़ों की संख्या में बस्तर के ग्रामीण दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में रोजगार की तलाश में ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य सरकार के लाख दावों के बीच हर रोज सैकड़ों की संख्या में बस्तर के ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. हाल ही में तेलंगाना राज्य में रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे मजदूरों से भरी पिकअप वाहन दुर्घटना होने से 3 मजदूरों की मौत होने के बाद भी प्रशासन ने इससे सबक नहीं लिया है और हर दिन पूरे बस्तर संभाग से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन कर रहे हैं. पलायन करने के पीछे ग्रामीण बारिश में फसल बर्बाद होने और गांव में काम नहीं होने के चलते से अन्य राज्यो में काम की तलाश में जाना बता रहे हैं, वही राज्य सरकार भी पलायन रोकने और इन मजदूरों को काम दिलाने के लिए गंभीर होती दिखाई नहीं दे रही है, लिहाजा बड़ी संख्या में बस्तर के ग्रामीण पलायन कर रहे हैं.
सैकड़ो ग्रामीण कर रहे काम की तलाश में पलायन
सुकमा जिले के गादीरास ग्राम से भी रविवार को बड़ी संख्या में रोजगार की तलाश में ग्रामीणों ने दूसरे राज्यों में पलायन किया और इसमें बड़ी संख्या में महिला और नाबालिक भी शामिल थे, पलायन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि बेमौसम बारिश से उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी और गांव में भी उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है. लिहाजा परिवार पालना मुश्किल हो गया है, ऐसे में वे दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में पलायन करने के लिए मजबूर हैं. जिला प्रशासन उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं दिला पा रही है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मनरेगा योजना के तहत काम तो मिलता है लेकिन सही समय पर ना ही भुगतान किया जाता है और ना ही उन्हें पूरा पैसा मिलता है. जिसके चलते ग्रामीणों ने सरकार के मनरेगा योजना को भी ग्रामीण अंचलों में पूरी तरह से विफल बताया है.
पलायन रोक पाने में प्रशासन नाकाम
इधर पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन भी ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिलाने के दावे तो करती है, लेकिन मनरेगा के अलावा ग्रामीणों को और कोई रोजगार नहीं मिलने से वे पलायन को मजबूर हैं. गादीरास के जनपद सीईओ नरेंद्र मांझी का कहना है कि पलायन रोकने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव को निर्देश दिए गए हैं लेकिन ग्रामीणों के पलायन को रोक पाने में प्रशासन ना कामयाब ही साबित हो रही है यही वजह है कि सैकड़ो की संख्या में बस्तर के ग्रामीण पलायन कर रहे है.
भाजपा नेता ने सरकार की योजना पर उठाए सवाल
इधर लगातार हो रहे पलायन के मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि छत्तीसगढ़ में युवा बेरोजगारो की स्थिति बदतर होते जा रही है, इस वजह से ग्रामीण मजदूरों के साथ-साथ युवा बेरोजगार भी अन्य राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, राज्य सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीण मजदूरों को रोजगार नहीं दिला पा रही है, जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पलायन कर रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार की कोई भी योजना धरातल पर नहीं है इसलिए मजदूरों को काम भी नहीं मिल पा रहा है.
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