देश के 13 राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपाल बदले गए हैं. उनमें से छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है. आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और राजभवन की तकरार के बीच छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को बदल दिया गया है. छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और राज्यपाल आमने-सामने आ गए थे. अब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को बदल दिया गया है. मौजूदा राज्यपाल अनुसुइया उइके की जगह छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन होंगे.


छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे को लेकर बघेल सरकार और राज्यपाल अनुसुइया उइके के बीच कई बार बयानबाजी हो चुकी है. छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण विधेयक बिल पास कर दिया है और इस बिल पर साइन करने के लिए राज्यपाल अनुसुइया उइके के पास भेजा था. लेकिन अब तक इस बिल पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने साइन नहीं किया है. जिसको लेकर कई बार सीएम भूपेश बघेल राज्यपाल पर हमला बोल चुके हैं.



वहीं राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आरक्षण मुद्दे पर एक बयान देते हुए कहा था कि मार्च तक रुकिए जिस पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा था कि मार्च में कोई मुहूर्त है क्या. ऐसे में अभी छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा ठंडा नहीं हुआ है. इसी बीच अब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बदल गए हैं. छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल के रूप में अब आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है.


सीएम बघेल ने नए राज्यपाल का किया स्वागत


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्वा भूषण हरिचंदन का स्वागत किया है. सीएम भूपेश बघेल ने अपने ऑफिशल टि्वटर पर ट्वीट करते हुए लिखा ''महामहिम राष्ट्रपति जी ने श्री विश्व भूषण हरिचंदन जी को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल नियुक्त किया है। उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं. मैं छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से हमारे नए संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं.''


जानें क्या है छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद


आपको बता दें कि 2 दिसंबर को आरक्षण विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था. उसी दिन राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए. आरक्षण बिल को लेकर राज्यपाल ने सरकार से 10 सवाल किए थे. जिसके बाद सरकार का दावा है कि उन्होंने 10 सवाल के जवाब दे दिए हैं.


बावजूद इसके अब तक राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया है. जिसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरक्षण के मामले को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रही है. साथ ही बीजेपी के दबाव में राज्यपाल पर काम करने का भी आरोप कांग्रेस लगा चुकी है. वहीं बीजेपी इसे राज्यपाल का विशेषाधिकार बता रही है.


क्या सीएम बघेल ने राज्यपाल से आरक्षण को लेकर करेंगे चर्चा


छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा अभी भी गरमाया हुआ है इसी बीच अब छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के आने के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के बीच आरक्षण को लेकर एक बार फिर से चर्चा हो सकती है. हालांकि हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्यपाल से आरक्षण विधेयक पर साइन नहीं करने को लेकर जवाब मांगा है. ऐसे में देखना होगा कि अब सीएम भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्वा भूषण हरिचंदन के बीच किस तरह का सामंजस्य होता है. ताकि छत्तीसगढ़ में आरक्षण मुद्दे को शांत किया जा सके. बता दें कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.