School Children Protest: छत्तीसगढ़ के गोरिल्ला-पेंड्रा-मरवाही जिला में 40 साल से संचालित गुरुकुल स्कूल (Gurukul School) को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया. इस दौरान स्कूली बच्चे 'हमारा स्कूल वापस दो' के नारे लगाते रहे. इतना ही नहीं बच्चों ने बारिश में भी सड़क पर प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. स्थिति को देखते हुए जिला कलेक्टर ने बच्चों को समझाने की कोशिश की लेकिन बच्चे अपनी मांग पर अडिग रहे और धरने पर बैठे रहे.


40 साल से संचालित है गुरुकुल स्कूल
दरअसल, सन् 1979 से लगभग 100 एकड़ भूमि पर संचालित गुरुकुल विद्यालय जिला बनने के बाद गुरुकुल आवासीय आदिवासी विद्यालय के विभिन्न भवनों को प्रशासनिक भवन के रूप में संचालित करने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होने के बाद गुरुकुल का विद्यालय भवन भी गुरुकुल के आदिवासी छात्रों से ले लिया गया. इसके विरोध में गुरुकुल आवासीय विद्यालय के सैकड़ों छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर दिया और उसके बाद कलेक्टर कार्यालय के दरवाजे के सामने बैठकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


2023 विधानसभा चुनाव के लिए खाली कराया गया गरुकुल स्कूल
जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय के भवन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय के लिए गुरुकुल परिसर का चयन करने के बाद गुरुकुल विद्यालय भी चुनाव कार्य के लिए छात्रों से खाली करा लिया गया. जिसके बाद गुरुकुल के सैकड़ों आदिवासी छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. पहले गुरुकुल का प्रशासनिक भवन में कलेक्टर कार्यालय संचालित करने एवं चुनाव संचालन के लिए विद्यालय भवन खाली कराने के बाद गुरुकुल में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्रों को अध्ययन अध्यापन की समस्या होने लग गई. छात्रों को उनके लगभग 100 एकड़ के गुरुकुल परिसर से लगभग 4 किलोमीटर दूर आईटीआई भवन में चार कमरे दिए गए हैं. जिनमें उनकी कक्षाएं संचालित होगी.


स्कूली बच्चों ने कहा उन्हें वापस दिया जाए गुरुकुल स्कूल
छात्रों की मांग है कि प्रशासन उनका गुरुकुल परिसर खाली करें. वही स्कूल के प्रिंसिपल भी कह रहे हैं कि लगभग 300 बच्चों को यहां पढ़ाना काफी कठिन काम है. इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा. छात्रों का कहना है कि जिला गठन के बाद से पूरा गुरुकुल परिषद किसी ना किसी कारणों से शासन - प्रशासन द्वारा अधिकृत किया गया है. कभी कलेक्टर भवन संचालन के लिए तो कभी अन्य क्रियाकलापों के लिए और अब उनके परिसर के कई पेड़ काट दिए गए. इन सब क्रियाकलापों से उनकी अध्यापन व्यवस्था लगातार प्रभावित हो रही है. प्रशासन को हर हाल में उनका भवन खाली करना होगा..


स्कूली बच्चे कलेक्ट्रेट का किया घेराव, बारिश में भीगकर किया चक्का जाम
वही प्रशासन के लोग लगातार छात्रों को समझाने की कोशिश करते रहे पर छात्र गुरुकुल भवन प्रशासन से खाली कराने की जिद पर अड़े हुए हैं. वही लगभग 2 घण्टे तक जब छात्रों से कलेक्टर ने बात नही की न ही ज्ञापन लिया जिसके बाद बच्चे सड़को पर उतर गए है और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे है। और उसके बाद बच्चे कलेक्ट्रेट से पैदल निकलकर सीधे रानी दुर्गावती चौक पहुंच गए.


वहां पर गिरते पानी में चक्का जाम कर दिया और सड़कों पर बैठ गए हैं. प्रशासन भी लगातार बच्चों को समझाइश देने की कोशिश कर रहा है. लेकिन अब तक सफल नहीं है. वही जब झमाझम बारिश के बीच बच्चे जब काफी समय तक गिरते पानी मे बैठे रहे. जिसके बाद जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया और जिले के पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल मौके पर पहुचे. जहा पर कलेक्टर ने बच्चो को समझाइस दी और बच्चो को आश्वाशन दिया.


बच्चों के साथ बैठकर कलेक्टर ने निकाला समस्या का समाधान
जिसके बाद बच्चे सीधे छात्रावास पहुचे, जहा पर जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया और पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल की मौजूदगी में बच्चे बात की गई. जिला प्रशासन द्वारा आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2023 को ध्यान में रखते हुए गुरुकुल विद्यालय गौरेला को एक वर्ष के लिए पुराने आईटीआई भवन गौरेला में शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर विद्यालय के छात्र सहमत हो गए हैं.


बैठक में सभी छात्रों ने अपनी सहमति व्यक्त किए और अपनी कुछ मांगे भी रखी. मांगों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, छात्रवृत्ति, मध्यान भोजन आदि शामिल है. जिला प्रशासन द्वारा छात्रों की सभी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया गया. साथ ही छात्रों के लिए बस की सुविधा देने की बात कही गई. सहमति के बाद छात्रों ने हड़ताल एवं आंदोलन नहीं करने की बात कही. 


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