CM Bhupesh Baghel News: राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर हरेली पर्व को मनाने की तैयारी जोरों पर है. हरेली त्योहार छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कृषि, परंपरा, लोक पर्व और पर्यावरण की महत्ता को हरेली पर्व दर्शाता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर में निवास पर हरेली पर्व को धूमधाम के साथ कृषि यंत्रों की पूजा भी करेंगे. सुआ, करमा, ददरिया और गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार देंगे और हरेली के गीत भी गाए जाएंगे.
सीएम के विधानसभा से होगी गोमूत्र खरीदी की शुरुआत
हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में पहली बार गोमूत्र खरीदी का शुभारंभ करेंगे. गोधन न्याय योजना को आगे बढ़ाते हुए दुर्ग के करसा गांव से गोमूत्र खरीदी की शुरुआत हो जाएगी. गांव के पशुपालक चार रुपए प्रति लीटर गोमूत्र बेच सकेंगे. हरेली के मौके पर होने वाली गोमूत्र खरीदी से गौवंशपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी मजबूती मिलेगी. अब तक किसान गोबर का विक्रय करते आये थे.
अब गोमूत्र की बिक्री से भी किसानों की आय में इजाफा होगा और पशुधन विकास के कार्य को बढ़ावा मिलेगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि कृषि के साथ पशुपालन का काम करने से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. हरेली पर्व पर करसा में कृषि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है. इस मौके पर नये कृषि उपकरणों की लांचिंग होगी. खेती किसानी के लिए उपयोगी कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री किसानों से खेती किसानी के बारे में बातचीत करेंगे और सम्मानित भी करेंगे. 20 जुलाई 2020 को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व के अवपर पर गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी.
बैलगाड़ी चलाकर गौमाता की पूजा करने जाएंगे मुख्यमंत्री
हर साल की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में हरेली के पर्व पर पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूजा स्थल तक बैलगाड़ी से जाएंगे और गौमाता की पूजा करेंगे. साथ ही परंपराओं के अनुसार कृषि यंत्रों की भी पूजा करेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कृषि यंत्र से पैरा काटकर गायों को खिलाएंगे.
आपको बता दें कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में बैलगाड़ी से पूजा स्थल पहुंचकर पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना की थी. हरेली पर्व पर करसा में गेड़ी प्रतियोगिता होगी और विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा. गेड़ी रेस, भौंरा, पिट्ठूल, कंचा, पतंग, गोली चम्मच, खोखो, रस्सा खींच, तिग्गा गोटी और गिल्ली डंडा जैसे खेलों का आयोजन भी किया जाएगा. प्रदेश के सभी स्कूलों में भी गेड़ी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी.
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सावन में प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का लोकपर्व हरेली
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जीवन में रची बसी खेती किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार हरेली है. सावन मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला त्योहार वास्तव में प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का लोकपर्व है. हरेली पर किसान अच्छी फसल की कामना के साथ धरती माता का सभी प्राणियों के भरण पोषण करने का आभार व्यक्त करते हैं. बारिश की आमद के साथ चारों ओर बिखरी हरियाली और नई फसल का लोग उत्साह से स्वागत करते हैं.