Chhattisgarh Hareli Tihar News: छत्तीसगढ़ में कल यानी 17 जुलाई को छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार की धूम देखने को मिलेगी. छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार हरेली है जिन्हें छत्तीसगढ़ के वासी बड़े धूमधाम से मनाते हैं. इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा है कि हरेली तिहार सभी के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए.

 

अपने शुभकामना संदेश में सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता से दिखाई देती है. छत्तीसगढ़ का लोक तिहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है. इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है. इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं.

जानिए सीएम बघेल ने क्या कहा
आगे सीएम बघेल ने कहा कि हरेली तिहार को गांवों में बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है. नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है. प्राचीन मान्यता के अनुसार सुरक्षा के लिए घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं. पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं. इस साल वन विभाग के माध्यम से सी-मार्ट में गेड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध कराई गई है. इससे अपनी पुरातत्व परंपराओं से शहरी लोग भी जुड़ सकेंगे और ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति में सहभागी बनेंगे.

लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है
सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है. यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के लोक पर्व हरेली का उत्साह और उमंग अब विदेशों में भी रंग जमाने लगा है. प्रवासी भारतीय हर साल इसे उत्साह से मना कर अपनी संस्कृति को दूर-दूर तक पहुंचा रहे हैं.

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. हरेली के दिन ही तीन साल पहले प्रदेश की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ हुआ है. पिछले साल 2022 में हरेली तिहार के दिन से प्रदेश में जैविक खेती और आर्थिक सशक्तिकरण के नए अध्याय की शुरुआत करते हुए ‘‘गो-मूत्र खरीदी’’ शुरू की गई है. इसे आगे बढ़ाते हुए इस साल हरेली तिहार के दिन से छत्तीगढ़िया ओलंपिक शुरू किया जा रहा है.