Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (T S Singhdeo) ने प्रदेशवासियों को एक सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से दी है. इसके पहले विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में बिलासपुर (Bilaspur) में एम्स (AIIMS) खोले जाने की मांग उठी थी जिसमें पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने बिलासपुर में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की ब्रांच खोलने की मांग की थी जिस पर विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि इस मामले को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा जा चुका है जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने आज अपने ट्विटर हैंडल से बिलासपुर समेत सरगुजा संभाग के लोगों को गुड न्यूज़ दी है. 


बिलासपुर में खुलेगा AIIMS
ट्विटर पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लिखा "समस्त प्रदेशवासियों को अत्यंत संतोष से सूचित करना चाहता हूं कि बिलासपुर में एम्स खोले जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्राप्त हो गई है. प्रदेश में एक नए एम्स की स्थापना से स्वस्थ्य व्यवस्था को एक अभूतपूर्व मजबूती प्राप्त होगी."


सरगुजा संभाग को भी होगा फ़ायदा
बिलासपुर से लगा उत्तर छत्तीसगढ़ का सरगुजा संभाग स्वास्थ्य के मामले में अब भी उतना समृद्ध नहीं हुआ है जितना की रायपुर और दुर्ग संभाग. अभी भी बड़ी और गंभीर बीमारियों के लिए सरगुजा संभाग के लोगों को 300-400 किलोमीटर का सफ़र तय कर रायपुर के एम्स या अन्य शासकीय और निजी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है जिससे कभी-कभी दुखद घटनाएं भी हो जाती हैं लेकिन अगर केन्द्र और राज्य सरकार की बदौलत बिलासपुर में एम्स की सुविधा मिल जाती है तो फिर सरगुजा संभाग के लोगों को इलाज के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी और बिलासपुर में ही बेहतर इलाज की सुविधा मिल जाएगी. 


रायपुर एम्स में जल्दी नहीं मिलता एडमिशन
फिलहाल रायपुर में स्थित AIIMS पर पूरे प्रदेश का भार है लेकिन यहां मरीज़ को भर्ती कराने के लिए परिजनों को घंटों या दिन लग जाते हैं. कई मामलों में तो यहां पहुंचने वाले मरीज़ों को मंत्री, विधायक या अधिकारियों से फ़ोन करवाने के बाद ही एडमिशन मिलता है. यही वजह है कि विधानसभा सत्र के दौरान खुद स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने ये बात कही थी कि रायपुर एम्स में भी अब बिस्तरों की कमी होने लगी है. 


विधायकों की मांग पर क्या बोले थे सिंहदेव
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय ने बिलासपुर में एम्स खोलने का मुद्दा उठाया.  उन्होंने कहा कि जब भी एम्स खोला जाए, बिलासपुर में ही खोला जाए. इसका बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने भी समर्थन किया. वहीं विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि क्या इस सदन से एक शासकीय संकल्प भेजा जाएगा? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि राज्य की ओर से जब भी पहल की जाए, एम्स बिलासपुर में खोला जाए. इस दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बिलासपुर में एम्स खोलने के लिए राज्य शासन ने एक अर्ध शासकीय पत्र केंद्र को लिखा है. 


सिंहदेव ने कहा कि देश के कई राज्यों में पहले एम्स नहीं होते थे. आज भी कई राज्य ऐसे हैं जहां एम्स नहीं है. हाल ही में मीडिया रिपोर्ट आई है कि केंद्र हर राज्य में कम से कम एक एम्स खोलेगा. मुख्यमंत्री से भी मैंने राज्य में दूसरे एम्स खोले जाने के संदर्भ में चर्चा की थी. राज्य में पांच संभाग हैं, इनमें सबसे बड़ा संभाग बिलासपुर है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में, मांग और औचित्य के आधार पर भी बिलासपुर में एम्स खोले जाने पर मेरी सहमति है. मैंने केंद्रीय मंत्री को इस बारे में पत्र लिखा है. उनका जवाब भी आया है कि उन्हें पत्र मिल गया है. उन्होंने कहा कि  रायपुर एम्स में भी अब बिस्तरों की कमी हो रही है.


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