Narayanpur News: छत्तीसगढ़ के 'वैद्यराज' हेमचंद मांझी (Hemchand Manjhi) ने अपना पद्मश्री सम्मान (Padma Shri Award) लौटाने का ऐलान किया है. इसके पीछे की वजह उन्होंने नक्सलियों से मिलने वाली धमकियों को बताया है. वैद्यराज ने यहां तक कहा है कि वह अपनी प्रैक्टिस बंद कर देंगे. हेमचंद मांझी को पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले महीने ही राष्ट्रपति भवन में देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया था.


नारायणपुर जिले के चमेली और गौरदंड गांव में दो निर्माणाधीन मोबाइल टावर को आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि वहां बैनर और पर्चे मिले  थे जिसमें हेमचंद मांझी को धमकी दी गई थी. पर्चे पर मांझी की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेती हुई तस्वीर मौजूद थी. नक्सलियों का आरोप है कि हेमचंद मांझी ने नारायणपुर के छोटेडोंगर इलाके में आमदई घाटी लौह अयस्क परियोजना को शुरू करने में मदद की और इसके लिए उन्हें रिश्वत मिली है.


धमकियों से दहशत में है हेमचंद का परिवार
नक्सलियों ने न केवल आरोप लगाए बल्कि हेमचंद को गंभीर परिणाम भुगतने की भी धमकी दी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हेमचंद ने इन आरोपों को खारिज किया है. मांझी ने कहा कि वह ग्रामीणों को पहले ही बता चुके हैं कि उनका खदान से कोई लेनादेना नहीं है. हेमचंद मांझी का कहना है कि उन्होंने अपने परिवार से बात की है और उसके बाद तय किया कि वह अब अपनी प्रैक्टिस बंद कर देंगे और पद्मश्री भी लौटा देंगे.


हेमचंद के परिवार को मिली हुई है सुरक्षा
हेमचंद मांझी ने कहा, ''मैं पद्मश्री पुरस्कार लौटा दूंगा. नक्सली पूछ रहे हैं कि मुझे राष्ट्रपति से पुरस्कार कैसे मिला. मैंने पुरस्कार की मांग नहीं की थी बल्कि यह मुझे लोगों के प्रति मेरी सेवा के लिए मिला है. मैं अलग-अलग बीमारियों खासकर कैंसर के लिए के लिए हर्बल दवाएं देता हूं. इससे पहले नक्सलियों ने झूठे आरोप लगाकर मेरे भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी थी. मेरा परिवार डर के साए में रह रहा है.'' बता दें कि 9 दिसंबर 2023 को हेमचंद के भतीजे की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद हेमचंद का परिवार नारायणपुर शहर में रह रहा है और उन्हें सुरक्षा दी गई है.


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