छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा के गढ़ कहे जाने वाले उनके विधानसभा क्षेत्र सुकमा में सोमवार की देर रात चौक का नाम बदलने को लेकर हिंदू मुस्लिम समुदाय के युवाओं के बीच जमकर बवाल हुआ. जिससे कई घंटों तक नेशनल हाईवे जाम रहा, नाम बदलने को लेकर दोनों समाज के लोग आमने-सामने आ गए, जिसके बाद मामला बढ़ते देख मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले तो युवाओं को शांत कराने की कोशिश की लेकिन नहीं मानने पर लाठीचार्ज किया.


पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में और चौक का नाम नहीं बदले जाने को लेकर मंगलवार को भाजपा और हिंदू संगठनों ने सुकमा बंद बुलाया और इस बंद को व्यापारियों ने भी समर्थन देते हुए अपनी अपनी संस्थानें बंद रखी हैं, वहीं इस दौरान शहर में किसी तरह की तनावपूर्ण स्थिति ना हो इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. साथ ही मंदिर और मस्जिद में लोग इकट्ठा ना हो पाए इसके लिए पुलिस बल भी लगाए गए हैं.


चौक के नाम बदलने को लेकर मचा बवाल


दरअसल बीते 25 मार्च से हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदाय के बीच झंडा लगाने को लेकर विवाद बढ़ गया. सुकमा शहर के मस्तानपारा में नवरात्रि के मौके पर हिंदू संगठन के लोगों ने हिंदू राष्ट्र का बैनर लगाया था ,जिस पर मुस्लिम समुदाय के युवाओं ने आपत्ति जताते हुए इसे हटाने को कहा ,जिसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ता देख मौके पर पुलिस पहुंची और झंडे को वहां हटाया गया और जयश्री राम के बैनर लगाए गए.


मामला शांत होने के बाद सोमवार की देर रात सुकमा शहर के ही रूमी नगर का नाम बदलकर इसे रामनगर करते हुए मस्तानपारा के चौक रूमी नगर में रामनगर लिखकर  बैनर और पोस्टर लगाए गए,जिसको लेकर एक बार फिर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और रामनगर को रूमी नगर ही रहने देने को कहा.


मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि हमें राम के नाम से कोई एतराज नहीं है लेकिन  रूमी नगर को राम नगर किया गया है ऐसे में नगर को हटाया जाए, वहीं हिंदू संगठन के लोगों ने कहा कि यह इलाका यह चौक रामनगर के नाम से जाना जाता था ,ऐसे में जो चौक का नाम है उसी नाम से बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं, इधर दोनों समुदाय के लोगों के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने पहले दोनों समुदाय के लोगों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन विवाद बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और दोनों समुदाय के लोगों तो वहां से भगाकर मामले को शांत कराया.


लेकिन यह मामला यहीं नहीं थमा और मंगलवार को सुबह हिंदू संगठनों ने पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में रूमी नगर को रामनगर रहने देने की मांग को लेकर  सुकमा शहर बंद बुलाया, वहीं भाजपा और विभिन्न हिंदू संगठनों के लोगों के द्वारा बुलाए गए इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला, सभी व्यापारियों ने इस बंद का समर्थन करते हुए अपनी अपनी दुकाने  बंद रखी है, बताया जा रहा है कि सोमवार रात पुलिस के लाठीचार्ज से कुछ लोगों को गंभीर चोट भी आई है.


सुकमा नगर बंद का दिख रहा असर व्यापारियों ने किया समर्थन


इस मामले में सुकमा के एडिशनल एसपी किरण चव्हाण का कहना है कि जिले में अभी तनावपूर्ण स्थिति नहीं है,दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत की जा रही है, जो भी लोग कानून के विरुद्ध  जाएंगे उनके ऊपर जरूर कार्रवाई की जाएगी, सोमवार देर रात विवाद बढ़ता देख पुलिस के जवानों के द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया है, और जो भी मामले को तूल दे रहा है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं इस बंद को देखते हुए जिले में कहीं भी विवाद उत्पन्न ना हो इसके लिए बड़ी संख्या में बल को तैनात किया गया है और मामले को शांत कराने की कोशिश की जा रही है.


हालांकि इस मामले में अब तक आबकारी मंत्री और इस क्षेत्र के  कवासी लखमा का कोई बयान सामने नहीं आया है, एक तरफ जहां पहले ही आदिवासियों को हिंदू नहीं बताने पर  लखमा के इस बयान को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ सुकमा जिले में अब हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच झंडा और चौक का नाम बदलने को लेकर इस तरह का विवाद बढ़ रहा है,हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी मामले को जल्द सुलझा लेने की बात कह रहे हैं.


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