Durg News: चुनावी साल के बीच छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का है जहां कथित धर्मांतरण के आरोप में एक स्कूल में जमकर बवाल हुआ. हिंदूवादी संगठन, बजरंग दल और अन्य दलों के लोगों ने कथित धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए स्कूल में हिन्दू बच्चों का ब्रेनवाश करने को लेकर स्कूल में जमकर बवाल किया. हालांकि पुलिस और प्रशासन के दखल के बाद मामला शांत हो गया.


 क्या था पूरा मामला
दरअसल दुर्ग जिला के विश्वदीप इंग्लिश मीडियम स्कूल में रविवार को हिंदूवादी संगठनों और बजरंग दल के द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया. संगठन के लोगों को जब इस बात की जानकारी मिली कि रविवार छुट्टी के दिन स्कूल में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को ट्रेनिंग के बहाने उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है तो बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भाजयुमो के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद सिटी कोतवाली की पुलिस टीम के साथ दुर्ग सीएसपी तत्काल मौके पर पहुंचे और और प्रदर्शनकारियों को उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए मामले को शांत कराया.


जानकारी के मुताबिक स्कूल में रविवार दोपहर करीब 190 बच्चों को नैतिक प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था. सभी बच्चे हिंदू थे और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए थे लेकिन बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को जब इस बात की भनक लगी कि नैतिक शिक्षा के बहाने बच्चों को गलत बातें सिखाई जा रही हैं तो उन्होंने स्कूल पहुंचर नारेबाजी की और प्रशिक्षण कार्य को बंद करा दिया.


बच्चों का कराया जा रहा था धर्मपरिवर्तन- बजरंग दल
बजरंग दल के विभाग सहसंयोजक रामलोचन राकेश तिवारी का कहना है कि हमें जानकारी मिली थी कि इस  स्कूल में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है तो हम स्कूल पहुंचे. स्कूल में हमें 190 बच्चे मिले जो सभी हिंदू थे. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को बहला-फुसलाकर स्कूल में लाया गया था और उन्हें गलत बातें सिखाई जा रही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि बिना परमिशन के इस स्कूल में बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था. रामलोचन राकेश तिवारी ने आरोप लगाया है कि यहां पर धर्मांतरण का बड़ा खेल किया जा रहा है.


पुलिस ने स्कूल पहुंच कर मामले को कराया शांत
दुर्ग एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने बताया कि दुर्ग पदमनाभपुर में एक स्कूल है जो मिशनरियों द्वारा चलाया जाता है. रविवार होने की वजह से यहां पढ़ने वाले बच्चों के कार्यशाला थी. इस दौरान एक दल और समूह विशेष के लोग यहां पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना था कि धार्मिक बातें की जा रही हैं. धर्मांतरण संबंधित इसको लेकर उनका विरोध चल रहा था. इसकी जानकारी लगते ही पुलिस और प्रशासन की टीम यहां पहुंची और बच्चों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए तहसीलदार के नेतृत्व में एक जांच समिति बनाई गई है जो जांच करके अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी.


तहसीलदार ने कहा सभी बच्चे क्रिश्चियन कम्युनिटी के थे
वहीं तहसीलदार प्रेरणा सिंह का कहना है स्कूल के अंदर जब बच्चों से पूछताछ की गई तो पता चला कि सभी  197 बच्चे ईसाई समुदाय के थे जिन्हें बाइबिल और ईसा मसीह के संबंध में शिक्षा दी जा रही थी.


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