Holi 2023 Special: होली के उल्लास भरे पर्व पर रंगों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, कई बार ये रंग जानलेवा साबित होती है. लिहाजा, लोगों में हर्बल रंग और गुलाल के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है. इसे देखते हुए हर्बल रंगों को बनाने की तैयारियां शुरू हो गई है. 


बिना केमिकल के किया जाता है तैयार 


इसी कड़ी में बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर विकासखण्ड के ग्राम चिनिया में होली के पर्व को ध्यान में रखते हुए स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने हर्बल रंग से मनाए जाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इनके बनाए रंगों को सी-मार्ट में इको फ्रेंडली हर्बल गुलाल की बिक्री की जा रही है. गौरतलब है कि चिनिया गौठान में गायत्री महिला स्व-सहायता समूह द्वारा हर्बल गुलाल का निर्माण किया जा रहा है. समूह की महिलाएं कृत्रिम रंगों से अलग होली का त्यौहार प्राकृतिक रंगों से ही मनाने की बात कह रही हैं. प्राकृतिक रूप से निर्मित हर्बल गुलाल में किसी भी प्रकार के रासायनिक केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है. 


एक क्विंटल से अधिक हर्बल गुलाल का उत्पादन


बता दें कि समूह की महिलाओं को बिहान की ओर से हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही शुरुआती चरण में उन्हें हर्बल गुलाल बनाने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है. ये महिलाएं चुकंदर, पालक, लाल भाजी के साथ ही फूलों जैसे- पलाश, गुलाब, गेंदा से हर्बल रंग तैयार कर रही है. वहीं, गायत्री स्व-सहायता समूह महिलाओं ने अब तक 1 क्विंटल से अधिक हर्बल गुलाल का निर्माण कर चुकी हैं. महिलाओं को हर्बल गुलाल की बिक्री के लिए समुचित बाजार दिलाने का कार्य जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. सी-मार्ट के माध्यम से हर्बल गुलाल का विक्रय किया जा रहा है, जिससे समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ हो रहा है.


कलेक्टर ने खरीदा हर्बल गुलाल


संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर विजय दयाराम के. ने भी समूह की महिलाओं की ओर से लगाए गए इको फ्रेंडली हर्बल गुलाल के स्टॉल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए हर्बल गुलाल की खरीदी की. उन्होंने कहा कि आगामी होली के त्यौहार में रासायनिक रंगों के दुष्प्रभाव से दूर रहते हुए अपने परिजनों एवं स्वजनों के साथ हर्बल गुलाल के साथ होली खेलें. हर्बल रंग प्राकृतिक रंग है, जो ईको फ्रेंडली है. इनका अधिक से अधिक उपयोग करें.


हर्बल गुलाल से महिलाओं की जिंदगी में आई खुशियां


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप जिले में निर्मित गौठानों से जुड़कर महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं मल्टीएक्टीविटी के तहत विभिन्न गतिविधियां कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहीं हैं. इसी कड़ी में शिवपुर चिनिया गौठान में समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर रहीं हैं. गायत्री महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष शिवकुवंर यादव ने बताया कि विगत वर्ष हर्बल गुलाल की मांग को देखते हुए इस वर्ष होली त्यौहार के लिए दस सदस्यों के साथ हर्बल गुलाल बना रहीं हैं. उन्होंने बताया कि हर्बल गुलाल पूरी तरह से केमिकल रहित है. इसके इस्तेमाल से कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यादव ने बताया कि वे हर्बल गुलाल में रंग और महक के लिए प्राकृतिक फूलों का इस्तेमाल कर रही हैं. इसके साथ ही लक्ष्य निर्धारित कर अब तक एक क्विंटल गुलाल की बिक्री हो चुकी है, जिससे उन्हें 30 हजार रुपये की आर्थिक आमदनी हुई है.


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