Assembly Elections-2023: दिल्ली, गुजरात की तरह इन राज्यों में अलग चुनाव लड़ने का AAP को कितना मिलेगा लाभ, जानें क्या कहते हैं आंकड़ें?
MP-Chhattisgarh-Rajasthan Assembly Election 2023: इंडिया गठबंधन में शामिल दल का पांच राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव 2023 अलग-अलग लड़ने की संभावना है. क्या बीजेपी इसका लाभ उठाने की कोशिश करेगी?
Delhi News: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) का ऐलान चुनाव आयोग ने तीन दिन पहले कर दिया था. पांचों राज्यों में 7, 17, 23 और 30 नवंबर को नये विधानसभा गठन करने के लिए वोट डाले जाएंगे. सियासी दलों द्वारा चुनावी जीत हासिल करने के मोर्चेबंदी को अंतिम रूप देने का काम अंतिम चरण में है. एमपी (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और राजस्थान (Rajasthan) में मुख्य मुकाबला बीजेपी (BJP) कांग्रेस (Congress) के बीच है, तो तेलंगाना और मिजोरम में भारत राष्ट्र समिति, बीजेपी और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के बीच सीधा मुकाबला है. जहां तक आम आदमी पार्टी (AAP) की बात है तो इसके शीर्ष नेताओं का दावा है कि तीन राज्यों यानी एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़ेगी. अन्य राज्यों में गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ेगी.
I.N.D.I.A. गठबंधन सिर्फ लोकसभा के लिए
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सहित पार्टी के टॉप नेता लगातार हिंदी भाषी तीन प्रमुख राज्यों में चुनाव लड़ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को लेकर पूछे जा रहे सवालों पर आप के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी पूरी तरह से तैयार है. जहां तक गठबंधन दलों में टकराव की बात है तो इस मसले पर पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि गठबंधन लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) के लिए है न कि विधानसभा चुनावों के लिए. इस रणनीति को ध्यान में रखते हुए आप पांचों राज्यों में गठबंधन की बजाय अलग-अलग चुनाव लड़ेगी. उन्होंने विपक्षी दलों ने अपने स्वार्थ को एक तरफ रख कर ही लोक सभा चुनावों के लिए गठबंधन किया है. देश हित को ध्यान में रखते हुए इंडिया गठबंधन बनाया गया. जनता भी इस बात को भलीभांति जानती और पहचानती है. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता शरद पवार ने हाल ही में कहा था कि 28 दलों से सियासी दल विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ सकते हैं.
Congress का इरादा क्या है?
चुनाव आयोग द्वारा नौ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव कार्यक्रमों की घोषण के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट एक्स में लिखा था कि आम आदमी पार्टी पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की पूरी तैयारी है. राष्ट्रीय पार्टी और देश का तीसरा सबसे बड़ा सियासी दल होने के नाते हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे. हम राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के रुख से भी साफ है कि पार्टी के विधानसभा में गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. खासकर एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस शीर्ष पार्टी है.
किसे मिलेगा लाभ, किसका होगा नुकसान
यहां पर अहम सवाल यह है कि इंडी गठबंधन में शामिल दल अगर विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ते हैं मतदाताओं के बीच इसका संदेश क्या जाएगा? बीजेपी इस मसले को जोड़तोड़ से उछाल कर विरोधी दलों को जतना के बीच बेपर्दा करने की कोशिश करेगी. फिर गुजरात, गोवा, दिल्ली विधानसभा चुनाव, एमसीडी चुनाव, पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में अलग-अलग चुनाव लड़ने का लाभ आम आदमी पार्टी को मिला है. हालांकि, पार्टी हिमाचल प्रदेश में इसका लाभ विगत विधानसभा चुनाव के दौरान नहीं उठा पाई थी. ऐसे यह जानना जरूरी है कि कहां-कहां अलग-अलग चुनाव लड़ने से आप को लाभ और कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ा. साथ ही बीजेपी पर इसका क्या असर रहा. किन राज्यों में आप का चुनावी मैदान में उतरने से उसे नुकसान उठाना पड़ा. आम आदमी पार्टी किसे नुकसान पहुंचाने में ज्यादा सफल रही है. क्या अग-अलग चुनाव लड़ने का नुकसान बीजेपी को भी होता है.
Gujrat विधानसभा चुनाव परिणाम 2022
गुजरात विधानसभा के लिए साल 2022 में संपन्न चुनावों में कुल 182 सीटों में से 156 बीजेपी, कांग्रेस 17, आप के खाते में पांच सीटें गई थी. सपा के खाते में एक और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हुए थे. बीजेपी को 52.50%, कांग्रेस 27.52%, आप को 12.92%, आईएनडी को 3.69% और अन्य को 3.37% मतदाताओं का समर्थन मिला था. गुजरात विधानसभा चुनाव आप का चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बड़े पैमाने पर चुनावी नुकसान का सामना करना पड़ा. इसका सबसे ज्यादा लाभ बीजेपी उठाने में सफल रही थी.
MCD चुनाव 2022
दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में आम आदमी को अलग-अलग चुनाव लड़ने का लाभ मिला. आप 15 साल बाद बीजेपी को एमसीडी की सत्ता में बेदखल करने में कामयाब हुई. जबकि दिल्लीवासियों ने एमसीडी चुनाव 2017 में आप और कांग्रेस दोनों को खारिज कर बीजेपी को वोट दिया था. साल 2017 में 270 सीटों के लिए संपन्न चुनाव में बीजेपी को 183, कांग्रेस ने 36 और आप ने 41 सीटें जीतीं थीं. एमसीडी 2022 की बात करें तो आप को 134, बीजेपी 104 कांग्रेस नौ और 3 निर्दलीय उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल हुए थे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2015 और 2020 में अलग-अलग चुनाव लड़ने का फायदा आम आदमी पार्टी को मिला. कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान उठाना पड़ा था.
Himachal विधानसभा चुनाव 2022
हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में आप को अलग अलग चुनाव लड़ने का लाभ नहीं मिला. आप को सिर्फ 1.1 प्रतिशत मत मिले. आप ने 67 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. लगभग सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी की जमानत जब्त हुई थी. कांग्रेस को 43.90 प्रतिशत, बीजेपी को 43 प्रतिशत मत मिले थे.
MP विधानसभा चुनाव 2018
आम आदमी पार्टी 230 में से 208 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उनमें से 207 पर आप के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी. कुल डाले गए मतों में आम आदमी पार्टी को केवल 0.66 मत मिले थे. आपको नोटा से भी कम वोट मिले थे. नोटा के लिए लिए प्रदेश के 1.42 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला था. 5,40,673 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था. जबकि आप को 2,53,106 वोट मिले थे. एमपी विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस 114, बीजेपी 109 और सपा एक और बसपा के दो प्रत्याशी जीत हालिस करने में सफल हुए थे.
Goa विधानसभा चुनाव परिणाम 2022
गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को 40 में से 20, कांग्रेस को 11, गोवा फारवर्ड पार्टी एक, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी को 2, क्रांतिकारी गोवा पार्टी को 1, आम आदमी पार्टी को 2, निर्दलीय को 3 प्रत्याशियों को जीत मिली थी. गोवा में आप को 6.77 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था. यहां पर भी आप ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था.