Chhattisgarh: कांगेर घाटी के जंगलों में फिर से दिखेगा चीतलों का झुंड, प्रजनन केंद्र से छोड़े 52 चीतल
यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में चीतलों को जंगलों में छोड़ा गया. चीतलों की सुरक्षा के लिए कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में खासा इंतजाम किए गए हैं. सभी कर्मचारी इनपर नजर बनाए हुआ हैं.
Bastar Chital: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर घाटी राष्ट्रीय पार्क से 52 चीतलों को जंगल में छोड़ा गया है. इन सभी चीतलों को विभाग ने कुछ साल पहले प्रजनन केंद्र में रखा था, जहां ये चीतल पले बढ़े जिसके बाद अब सभी चीतलों को जंगल में छोड़ दिया गया है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों का मानना है कि अब बस्तर के जंगलों में एक बार फिर चीतलों की झुंड दिखाई देगी और खुले जंगल में रहने से इनकी संख्या भी कई गुना बढ़ेगी. इसके साथ ही मांसाहारी जानवर भी इसी जंगल को स्थायी ठिकाना बनाएंगे, यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में चीतलों को जंगलों में छोड़ा गया है. इधर कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतलों की सुरक्षा के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं.
चीतल के छोड़ने से मांसाहारी जानवरों का बनेगा स्थायी ठिकाना
बस्तर के वाइल्ड लाइफ सीसीएफ ए.के श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में शाकाहारी पशु, पक्षी और मगरमच्छ बड़ी तादाद में है लेकिन विभाग के द्वारा मांसाहारी जानवरों का भी पता लगाया जा रहा है. कुछ साल पहले कांगेर घाटी के राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ और अन्य जंगली जानवरों की देखने की भी पुष्टि हुई थी, लेकिन बड़े क्षेत्र में फैले कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में कुछ महीनों से मांसाहारी जंगली जानवरों को नहीं देखा गया है. डियर पार्क के अंदर ही चीतलों के लिए प्रजनन केंद्र बनाया गया है, जहां कुछ साल पहले बाहर से चीतलो को लाकर इस प्रजनन केंद्र में रखा गया था. अब इन सभी चीतलों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है.
चीतलों की संख्या में नजर बनाए रखे हैं कर्मचारी
ए.के श्रीवास्तव ने बताया कि चीतलों को जंगल में छोड़ने बेहोश नहीं किया गया, इसके लिए बोमा तकनीक अपनाई गई. इसके तहत गुफा नुमा एक ढांचा खड़ा किया गया. दूसरे छोर से सटाकर गाड़ी रखी और रैंप बनाया और गुफा के मुख्य द्वार से गाड़ी तक खाने का सामान रखा गया. चीतल खाते-खाते रैंप से गाड़ियों में पहुंचे फिर उन्हें जंगलो में छोड़ा गया, विभाग के सभी कर्मचारी चीतलों की संख्या में नजर बनाए रखे हुए हैं और इधर कांगेर वैली के खुले जंगल में अब पर्यटक भी आसानी से चीतल देख सकते हैं. वाईल्ड लाइफ सीसीएफ ने बताया कि इन चीतलों का मानवी शिकार ना हो इसके लिए भी खास सुरक्षा बरती जा रही है. इसके साथ ही उद्यान में मांसाहारी जानवरों की वर्तमान स्थिति और संख्या के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
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