Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में के- डिपॉजिट पर रमन सिंह और सीएम भूपेश बघेल में छिडी़ जंग, जानिए क्या है ये के-डिपॉजिट
छत्तीसगढ़ के- डिपॉजिट को लेकर राजनीति गर्मा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के एक ट्वीट कर सीएम भूपेश बघले पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिस पप कांग्रेस ने भी रमन सिंह के आरोपों पर पलटवार किया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे से के - डिपॉजिट को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. पूर्व सीएम डॉ रमन के आरोपों पर कांग्रेस ने सबूत के साथ पलटवार किया है कि पार्टी ने डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए के-डिपॉजिट के आदेश जारी किए थे. वहीं कांग्रेसी नेता आरपी सिंह ने रमन सिंह पर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया है.
डॉ रमन सिंह ने 2 पेज की आदेश कॉपी गुरुवार को ट्वीटर पर शेयर किया था
दरअसल गुरुवार को डॉ रमन सिंह ने 2 पेज का आदेश कॉपी भी साझा किया था. इसके अनुसार छत्तीसगढ़ वित्त विभाग की तरफ से निगम मंडलों में इमरेजेंसी के लिए जमा राशि को सरकार के के - डिपॉजिट में जमा करने को कहा गया है. वहीं डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा औककहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार दिवालिया हो गई है. शायद ही किसी राज्य में ऐसा होता हो कि निगम मंडलों में इमरजेंसी के लिए जमा राशि को सरकार के के- डिपॉजिट में जमा करने कहा जाए. 3 साल में 51000 करोड़ से अधिक का कर्ज, फिर भी ये स्थिति. सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ATM बना दिया है.
छत्तीसगढ़ सरकार दिवालिया हो गई है?
— Dr Raman Singh (@drramansingh) January 27, 2022
शायद ही किसी राज्य में ऐसा होता हो कि निगम मंडलों में इमरजेंसी के लिए जमा राशि को सरकार के के- डिपॉजिट में जमा करने कहा जाए।
3 साल में 51000 करोड़ से अधिक का कर्ज, फिर भी ये स्थिति।@bhupeshbaghel जी ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ATM बना दिया है। pic.twitter.com/pw6IST8BJH
कांग्रेसी नेता आरपी सिंह रमन सिंह के आरोप पर दी सफाई
वहीं इस आरोप पर कांग्रेसी नेता आरपी सिंह ने बताया कि, सरकार के “के“ डिपॉजिट में उस वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाई राशि जमा करवाई जाती है. जिसका उपयोग संबंधित विभाग और निगम मंडल वित्त विभाग की अनुमति से कर सकते हैं. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसका पालन सभी राज्यों में होता है.
रमन सिंह पर सीएम भूपेश बघेल का पलटवार
इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ आदेश कॉपी सबूत के तौर पर जारी किये है. इसमें सन् 2013 के सात अलग-अलग पत्र प्रस्तुत किए गए हैं. इन पत्रों के अनुसार रमन सिंह के कार्यकाल में भी इसी प्रक्रिया का पालन होता था. डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए भी विभिन्न निगम मंडलों की राशि छत्तीसगढ़ शासन के “के“ डिपॉजिट में जमा कराई गई थी. सीएम भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर पर डॉ रमन सिंह के आरोपों पर पलटवार किया है. सीएम ने कहा कि, चिंतित हूं डॉक्टर साहब! कहीं आप स्मृतिलोप के शिकार तो नहीं हो गए हैं?
चिंतित हूं डॉक्टर साहब! कहीं आप स्मृतिलोप के शिकार तो नहीं हो गए हैं? https://t.co/TgerlnI8gg pic.twitter.com/XeGVjCNGUM
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 27, 2022
तीन साल में 51 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा ले चुकी कांग्रेस सरकार- बीजेपी
वहीं भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार इतनी कंगाल हो गई है कि निगम-मंडलों का सरप्लस पैसा बैंक में जमा कर रही है और उसी पैसे के विरुद्ध ऋण उठा रही है. यह सरकार ऋण लेकर घी पीने का काम कर रही है. हमारी सरकार में भी निगम-मंडल का सरप्लस पैसा बैंको में जमा किया गया था, लेकिन निगम-मंडल का जमा पैसा के माध्यम से विकास के काम होते थे. लेकिन इस सरकार में उस पैसे के विरुद्ध लोन लिया जा रहा है, यह स्थिति तब है, जब सरकार पिछले तीन साल में 51 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा ले चुकी है.
क्या होता है के-डिपॉजिट
के-डिपॉजिट वित्तिय प्रबंधन की यह एक प्रक्रिया है. इसमें निगम मंडलों के अलग लग बैंक खातों में जमा अतिरिक्त राशि संचित निधि में जमा हो जाएगी. इसके दो मकसद होते है.पहला तो ये की महालेखाकार का निर्देश की अतिरिक्त राशि को संचित निधि से बाहर न रखा जाए. दूसरा अतिरिक्त राशि सरकार के संचित निधि जमा हो जाने से सरकार की वित्तीय साख बढ़ती है. अर्थशास्त्री प्रो अजय चंद्राकर ने बताया कि, अनुकूल परिस्थिति में वित्त विभाग की तरफ से ऐसे आदेश जारी किए जाते है. ये सिविल अकाउंट होता है, सरकार के जितने भी निगम, मंडलों के सरप्लस राशि है उसे जमा करवाया जाता है. इससे के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है. लेकिन निगम मंडलों को जरूरत पड़ने पर वित्त विभाग पैसे रिलीज भी कर देती है.
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