Bastar Industrial Park: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में ग्रामीण अंचलों में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए गौठानों (Gauthan) में अब जिला प्रशासन औद्योगिक पार्क (Industrial Park) खोलने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए बस्तर जिले के 7 ब्लॉक में 2-2 कुल 14 औद्योगिक पार्क खोलने की योजना बनाई गई है. लगभग 3-3 एकड़ में औद्योगिक पार्क बनाए जा रहे हैं, गौठानों में बनाए जा रहे इन औद्योगिक पार्क में स्थानीय खाद्य उत्पाद और लघु वनोपज के उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए  प्रोसेसिंग सेंटरों की स्थापना की जाएगी. जिसमें बांस और काष्ठ के साथ बेल मेटल शिल्प और अन्य हस्तशिल्प संबंधित लघु और कुटीर उद्योग के स्थापना की जाएगी. जहां बेरोजगार युवाओं को और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा. लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये की लागत से इन औद्योगिक पार्क को बनाने के साथ ही ग्रामीण महिलाओ और बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को इस औद्योगिक पार्क के माध्यम से रोजगार मिल सके.


औद्योगिक पार्क का मुख्यमंत्री करेंगे भूमि पूजन


जिला पंचायत के सीईओ रोहित व्यास ने बताया कि इन औद्योगिक पार्क के माध्यम से बेरोजगार युवाओं और ग्रामीण महिलाओं के साथ ही स्व सहायता समूह  को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए गौठानो  में ही औद्योगिक पार्क खोले जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने जिले के 7 ब्लॉक में औद्योगिक पार्क खोले जाने के लिए जगह चयनित कर लिया है. लगभग 3-3 एकड़ में इस औद्योगिक पार्क को बनाया जा रहा है और आगामी 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डिजिटल तौर पर इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर भूमि पूजन करेंगे. सीईओ ने बताया कि इस औद्योगिक पार्क के माध्यम से कोशिश की जा रही है कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी लघु और कुटीर उद्योग में रोजगार पाने की अवसर मिल सके. अब तक जिले में शिक्षित बेरोजगारों को खुद का औद्योगिक स्थापित करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिजली कनेक्शन के साथ ही कई तरह की मशक्कत करनी होती है, लेकिन यहां पर उन्हें हर तरह की सुविधाएं मिलेगी और गौठानो के औद्योगिक पार्क में तब्दील होने से जिले में लघु और कुटीर उद्योगों की संख्या में बढ़ोतरी भी होगी.


बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर


इन औद्योगिक पार्क में मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन, बटेर पालन ,सूअर पालन,  डेयरी, बकरी पालन किया जा सकता है. इसके अलावा मिनी राइस मिल, फिनाइल, हैंड वाश, साबुन, अगरबत्ती, सेनेटरी नैपकिन, मुरमुरा पापड़, नूडल्स, पेपर ब्लॉक, चप्पल निर्माण, तेलघनी, हर्बल गुलाल, आदि उद्योग यहां लगाए जा सकते हैं. बकायदा इसके लिए युवाओं और ग्रामीण महिलाओं को यहां प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिला पंचायत के सीईओ रोहित व्यास ने बताया कि इन औद्योगिक केंद्रों  में उन सामानों का ज्यादा उत्पादन किया जाएगा जिसका प्रसंस्करण जिले में होता है. इसमें इमली के साथ ही आम भी शामिल है, साथ ही युवाओं और महिलाओं को कच्चा माल भी प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. 


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