Chhattisgarh Fraud: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में समितियों और किसानों को वितरण किए गए लोन में लाखों की गड़बड़ी सामने आई है. अपेक्स बैंक और सहकारी समितियों के बीच यह लेनदेन हुआ था. इस लेनदेन में ही अनियमितता उजागर हुई है. अब इसकी जांच करने के लिए 18 अधिकारियों की तैनाती की गई है.


इनके द्वारा जब जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी तब इसमें कितने का गोलमाल हुआ इसकी जानकारी सामने आएगी. बताया गया कि बैंक को समितियों से जितनी राशि लेनी है, उसका एक तिहाई ही समिति को किसानों से लेना है. मतलब लोन बांटने और वसूली में काफी बड़ा अंतर आया है.


दरअसल, अपेक्स बैंक हर साल समिति को एक राशि लोन के लिए देती है. किसानों को लोन बांटने का काम समिति प्रबंधक और ऑपरेटर करते हैं. नकद और खाद-बीज के रूप में लोन दिया जाता है. लोन वसूलकर बैंक को लौटाना भी होता है. इसी तरह से अपेक्स बैंक और समिति के बीच संतुलन बना रहता है, लेकिन इस जिले में इस मामले में कुछ ज्यादा ही गड़बड़ियां सामने आई है. ऋण असंतुलन का आंकड़ा काफी बड़ा होने की बात कही जा रही है. अपेक्स बैंक के अधिकारियों की मनमानी और कार्रवाई न करने के कारण समितियों में ये गड़बड़ी होने की बात की बात कही जा रही है.


कब कितना अंतर 
जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से साल 2022-23 में जिले की 49 समितियों में बैंक का शेष ऋण करीब 72.66 करोड़ था. जबकि समितियों का किसानों पर बकाया ऋण मात्र 15.52 करोड़ है. दोनों में अंतर 57.13 करोड़ है. इसी तरह 2023-24 में 52 समितियों पर बैंक का ऋण 134.10 करोड़ हो गया.


वहीं दूसरी ओर समिति का सदस्य किसानों पर बकाया लोन 72.68 करोड़ हो गया. वर्ष 23-24 में अंतर ऋण असंतुलन 61.41 करोड़ हो गया. एक ही साल में ऋण भी दोगुना हो गया और असंतुलन भी चार करोड़ बढ़ गया. बैंकिंग के सारे नियम अपेक्स बैंक में दरकिनार कर काम चल रहा है. 


समितियों को जो रकम लोन बांटने के लिए दी जाती है, वह दूसरे कामों में खर्च हो रही है. वसूली के बाद गबन अपेक्स बैंक में गड़बड़ी सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. बताया रहा है कि रायपुर से इसकी जांच भी की जा रही है. समितियों ने किसानों से लोन की नकद वसूली करने के बाद उसको अपेक्स बैंक के अकाउंट में जमा ही नहीं किया.


इनको मिली जांच की जिम्मेदारी
रायगढ़ जिले के सात और सारंगढ़, बरमकेला मिलाकर 9 ब्लॉकों में इसकी जांच होगी. सभी ब्लॉक के लिए दो-दो अधिकारियों को जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें रायगढ़ में आरके आयाम, पुसौर जीपी गुप्ता, खरसिया रश्मि लाल, घरघोड़ा राजश्री उपाध्याय, धरमजयगढ़ आरके मेहर, तमनार एसके कंवर, लैलूंगा सुशीन सूर्यवंशी, बरमकेला केआर देवांगन और सारंगढ़ में आरपी कुरें को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन अधिकारियों के साथ एक-एक दल सहायक भी दिया गया है.


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